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    केंद्र के खिलाफ ममता के दो दिवसीय धरने में एक बार भी नहीं दिखे अभिषेक, फिर खींची विवाद की दीवार?

    Updated: Sun, 04 Feb 2024 09:09 PM (IST)

    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में दो दिवसीय धरने पर बैठीं।हालांकि ममता के सांसद भीतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दोनों दिन उस धरने में एक बार भी नजर नहीं आए।इसको लेकर राज्य की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इसी बीच रविवार को अभिषेक की बहन अदिति गायेन के एक फेसबुक पोस्ट से इन अटकलों को और हवा मिल गई।

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    केंद्र के खिलाफ ममता के दो दिवसीय धरने में एक बार भी नहीं दिखे अभिषेक (Image: ANI)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी मनरेगा सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं का लंबित बकाया फंड की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ शुक्रवार व शनिवार को कोलकाता में दो दिवसीय धरने पर बैठीं। ममता के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों, सांसदों व विधायकों ने भी धरने में हिस्सा लिया।

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    हालांकि, ममता के सांसद भीतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दोनों दिन उस धरने में एक बार भी नजर नहीं आए। इसको लेकर राज्य की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। राजनीतिक हलकों के एक वर्ग में ममता व अभिषेक के बीच मतभेद के कयास फिर तेज हो गए हैं, क्योंकि पार्टी के भीतर नए व पुराने नेताओं को जगह देने को लेकर विवाद की लगातार खबरें सामने आती रही है।

    ममता व अभिषेक के बीच मतभेद के कयास

    इसी बीच रविवार को अभिषेक की बहन अदिति गायेन के एक फेसबुक पोस्ट से इन अटकलों को और हवा मिल गई। अदिति ने लिखा- योग्य लोगों को जगह नहीं मिलती, अयोग्य लोगों से घर सजाते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अदिति ने ये पोस्ट किस संदर्भ में और किसके लिए लिखे थे, लेकिन इसको लेकर अटकलें तेज हो गई है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने हालांकि दावा किया कि ममता व अभिषेक के बीच कोई मतभेद नहीं है। अदिति के पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम कि उन्होंने किस संदर्भ में यह लिखा है। हम अदिति से इस बारे में बात करेंगे।

    युवा तृणमूल के धरने में भी नहीं आए अभिषेक

    बता दें कि ममता ने कोलकाता के रेड रोड पर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के सामने शुक्रवार दोपहर एक बजे से जारी अपना धरना शनिवार देर रात समाप्त कर दिया, लेकिन उनके निर्देश पर तृणमूल का धरना वहां 13 फरवरी तक जारी रहेगा। रविवार को वहां तृणमूल युवा कांग्रेस की ओर से धरना दिया गया, उसमें भी अभिषेक नजर नहीं आए। कभी अभिषेक युवा तृणमूल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

    वर्तमान में सायनी घोष यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं, जिनके नेतृत्व में युवा तृणमूल ने इस दिन धरना दिया। अभिषेक की अनुपस्थिति के बारे में जब सायनी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बात उपस्थित- अनुपस्थित रहने की नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय बकाए को लेकर दिल्ली में धरना दिया था तो ममता बनर्जी भी वहां नहीं थीं। ऐसा नहीं है कि हमें समर्थन देने के लिए किसी को शारीरिक रूप से ही आना होगा। पार्टी में मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यहां हर कोई ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के लिए है। हमारे बीच अच्छे तालमेल हैं।

    ममता ने सभी नेताओं से धरने में आने की अपील की थी

    इससे पहले ममता ने पार्टी के सभी नेताओं, सांसदों से धरने में शामिल होने का आह्वान किया था। लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय के माध्यम से सभी सांसदों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया था। सभी सांसदों के मौजूद होने के बावजूद डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ममता के धरने में नजर नहीं आए। इसको लेकर पार्टी के भीतर भी चर्चा तेज है। बता दें कि अभिषेक पार्टी में एक नेता एक पद और युवाओं को मौका देने के पक्ष में रहे हैं। इसको लेकर ममता के साथ उनके मतभेद की खबरें सामने आती रही है।

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