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    पश्चिम बंगाल में SIR पर हंगामा, बीजेपी कार्यकर्ता और BLO आमने-सामने

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 07:46 PM (IST)

    कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ताओं और बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा ने टीएमसी पर एसआईआर प्रक्रिया रोकने का आरोप लगाया, जबकि बीएलओ ने भाजपा पर मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए चुनाव आयोग से मिलीभगत का आरोप लगाया। अत्यधिक काम के दबाव के खिलाफ बीएलओ का धरना जारी रहा, जिसके कारण सीईओ देर रात तक कार्यालय में ही रहे।

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    भाजपा और बीएलओ कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में सोमवार देर रात भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह का पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सामने बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के एक फोरम के प्रदर्शनकारी सदस्यों से आमना-सामना हो गया।

    कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के पार्षद सजल घोष के नेतृत्व में लगभग 50 भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और SIR प्रक्रिया को रोकने के तृणमूल कांग्रेस के कथित प्रयास के खिलाफ नारे लगाए।

    भाजपा और बीएलओ कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक

    स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारी बीएलओ ने जवाबी नारे लगाए और भाजपा पर बंगाल में वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाने के लिए चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत से काम करने का आरोप लगाया। इस दौरान पुलिस ने बीच-बचाव किया।

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    वहीं दूसरी ओर कोलकाता में मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के समक्ष अत्यधिक काम के दबाव के खिलाफ बूथ स्तरीय अधिकारियों ने मंगलवार को भी धरना प्रदर्शन किया।

    टीएमसी पर एसआईआर प्रक्रिया रोकने का आरोप

    बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के कई सदस्य सोमवार को दोपहर से ही सीईओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे और उनका आरोप था कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान उन पर काम का अत्यधिक बोझ है। भाजपा नेता घोष ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी बीएलओ नहीं हैं। वे तृणमूल समर्थित संगठनों के नेता हैं।

    बीएलओ फोरम के सदस्यों ने आरोपों को खारिज कर दिया। जब दोनों समूह मीडियाकर्मियों के सामने एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे थे तभी उपायुक्त (मध्य) इंदिरा मुखर्जी के नेतृत्व में एक पुलिस बल उनके बीच खड़ा हो गया ताकि वे टकराव होने से रोक सकें।

    पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल रात करीब 11.40 बजे अपने कार्यालय से बाहर निकले। वे बीएलओ के धरने के कारण कार्यालय में ही थे।