West Bengal: भाजपा ने की बंगाल में इतिहास की किताब से पार्थ चटर्जी का नाम हटाने की मांग
शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने राज्य के सरकारी स्कूलों की इतिहास की किताब से उनका नाम हटाने की मांग की है। सिंगुर में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन पर एक अध्याय में पार्थ का भी नाम है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chaterjee) की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने राज्य के सरकारी स्कूलों की इतिहास की किताब से उनका नाम हटाने की मांग की है। गौरतलब है कि आठवीं कक्षा की इतिहास की किताब में सिंगुर में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन पर एक अध्याय है, जिसमें आंदोलनकारी के तौर पर पार्थ का भी नाम है।
भाजपा नेता अनुपम हाजरा (BJP Leader Anupam Hazra) ने पार्थ का नाम हटाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित कर ट्वीट किया-'उन्होंने (पार्थ चटर्जी) लाखों शिक्षित बेरोजगारों के रुपये का गबन किया और अभी जेल में हैं। अब कम से कम उनका नाम किताब के पन्नों से तो हटा दीजिए, नहीं तो नई पीढ़ी इस व्यक्ति को नेताजी और खुदीराम के समान मानने लगेगी!' हाजरा ने ट्विटर पर इतिहास की किताब के एक पेज की तस्वीर शेयर की है और पार्थ के नाम को लाल स्याही से रेखांकित करते हुए सवाल किया कि छात्र गिरफ्तार पार्थ चटर्जी का नाम क्यों पढ़ेंगे? आठवीं कक्षा कीइतिहास की किताब 'अतीत और परंपरा' की पृष्ठ संख्या 162 और 163 पर 'कृषि भूमि अधिकार : सिंगुर आंदोलन' नामक अध्याय है, जिसमें ममता बनर्जी के साथ तत्कालीन विपक्ष के नेता पार्थ चटर्जी का भी नाम है। पार्थ चटर्जी सिंगुर में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में ममता के सिपहसालारों में से एक थे। भाजपा के साथ ही माकपा के शिक्षक संगठन की ओर से भी यह मांग की गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा गया है। गौरतलब है कि पार्थ पर रुपये लेकर शिक्षक की नौकरी बेचने का आरोप है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से ईडी करोड़ों की नगदी बरामद कर चुकी है। अर्पिता को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पार्थ और अर्पिता, दोनों इस समय ईडी की हिरासत में हैं।

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