बंगाल में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित विधेयक पारित, भाजपा ने सरकार पर जल्दबाजी करने का लगाया आरोप
दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित दो विधेयक मंगलवार को बंगाल विधानसभा में पारित हो गए। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक व सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष ने राज्य सरकार पर इसे हड़बड़ी में लाने का आरोप लगाते हुए बिल में कई संशोधनों का प्रस्ताव दिया। बुधवार को एक निजी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक भी पेश किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा में मंगलवार को दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित दो विधेयक एक साथ पारित किए गए। शीतकालीन सत्र की समाप्ति से एक दिन पहले राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने 'द रामकृष्ण परमहंस यूनिवर्सिटी विधेयक 2024' और 'द रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी विधेयक 2024' पेश किया।
सदन में दोनों विधेयकों पर एक साथ डेढ़ घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। दोनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक व सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष ने राज्य सरकार पर इसे हड़बड़ी में लाने का आरोप लगाते हुए बिल में कई संशोधनों का प्रस्ताव दिया।
भाजपा ने दिया 64 संशोधनों का सुझाव
उन्होंने दोनों विधेयकों में कुल 64 संशोधनों का सुझाव दिया। हालांकि शिक्षा मंत्री ने इसमें से कुछ संशोधनों को ही स्वीकार किया और कहा कि भाजपा विधायक द्वारा सुझाए गए बाकी प्रस्तावों पर किसी भी बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
चर्चा के बाद दोनों विधेयक को पारित कर दिया गया। शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि इनमें रामकृष्ण परमहंस निजी विश्वविद्यालय कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के आगरपाड़ा में खुलेगा, जिसका संचालन व प्रबंधन रामकृष्ण विवेकानंद मिशन द्वारा किया जाएगा।
जुलाई से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया
अगले साल जुलाई से ही इस विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं, रवींद्रनाथ टैगोर निजी विश्वविद्यालय हुगली जिले के धनियाखली में खुलेगा। इसका संचालन व प्रबंधन कालीपद साहा मेमोरियल ट्रस्ट करेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दोनों विश्वविद्यालयों की निरीक्षक होंगी।
रामकृष्ण विवेकानन्द मिशन ने विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए 1999 से ही राज्य शिक्षा विभाग के पास बार-बार आवेदन किया था। आखिरी बार 2018 में आवेदन किया था तो शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के लिए प्रतिनिधि भेजे थे।
मुख्यमंत्री ने दी थी अनुमति
इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी वर्ष कैबिनेट बैठक में इस विश्वविद्यालय के निर्माण की अनुमति दी थी। विधेयक पारित होने के अवसर पर रामकृष्ण विवेकानन्द मिशन के प्रतिनिधि (संन्यासी) भी विधानसभा आए थे। उन्होंने इस निजी विश्वविद्यालय को कानूनी मान्यता देने के लिए मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।
भाजपा विधायक शंकर घोष द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्तावों में से एक में रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी विधेयक में टैगोर की जगह ठाकुर नाम शामिल करने की मांग की गई। उनकी दलील थी कि कुछ दिन पहले नरेन्द्र मोदी सरकार ने बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा के तौर पर मान्यता दी है।
टैगोर को ठाकुर करने की मांग
उन्होंने उल्लेख किया कि टैगोर औपनिवेशिक शब्द है। इसलिए द रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी बिल 2024 का नाम रवींद्रनाथ ठाकुर यूनिवर्सिटी बिल किया जाए। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने विधेयक पर जवाबी भाषण में इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जिस संस्था द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, उसी ने यह नाम सुझाया है। इसलिए मैं संबंधित विभाग व संस्था को टैगोर की जगह ठाकुर नाम करने पर विचार करने के लिए अनुरोध करूंगा।
शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि दोनों विश्वविद्यालय के खुलने से युवाओं को सुविधा होगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। युवाओं को विभिन्न विषयों के पठन-पाठन के साथ रिसर्च का अवसर मिलेगा।
एक और विधेयक होगा पेश
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन बुधवार को एक और निजी विश्वविद्यालय के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र कोलकाता के भवानीपुर में एक निजी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 पेश किया जाएगा।
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