West Bengal Assembly Election 2021: दक्षिण 24 परगना जिले में टीएमसी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
West Bengal Assembly Election 2021 इस बार सभी सीटों पर टीएमसी व भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है। ऐसे में तृणमूल के सामने इस बार अपना सबसे मजबूत गढ़ बचाने की चुनौती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे इसी जिले के डायमंड हार्बर सीट से सांसद है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: दक्षिण 24 परगना जिले की कुल 31 विधानसभा सीटों पर दूसरे, तीसरे व चौथे चरण में एक, छह व 10 अप्रैल को मतदान होगा। यहां प्रचार अभियान, प्रत्याशियों का जनसंपर्क व बड़े नेताओं की रैली परवान पर है। दूसरे चरण में एक अप्रैल को जिले की चार सीटों- गोसाबा (सुरक्षित), पाथरप्रतिमा, सागर व काकद्वीप में मतदान है। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने जिले की 31 में से 29 सीटों पर जीत दर्ज कर परचम लहराया था। वहीं, दो सीटों पर माकपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा व कांग्रेस का यहां खाता नहीं खुला था। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव में चली भगवा लहर के बाद इस बार परिस्थिति बदली है। इस बार सभी सीटों पर टीएमसी व भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है। ऐसे में तृणमूल के सामने इस बार अपना सबसे मजबूत गढ़ बचाने की चुनौती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे इसी जिले के डायमंड हार्बर सीट से सांसद है। ऐसे में तृणमूल के लिए यहां करो या मरो की स्थिति है।
गोसाबा (सुरक्षित) : इस सीट से टीएमसी के निवर्तमान विधायक जयंत नस्कर और भाजपा के चित्त वरुण प्रमाणिक जोर-आजमाइश कर रहे हैं। टीएमसी प्रत्याशी जयंत नस्कर अपनी सीट बचाने के लिए जी- जान से जुटे हैं। वहीं, भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। वाममोर्चा से यहां आरएसपी के अनिल चंद्र मंडल मैदान में हैं।
वर्ष 2016 का नतीजा:
टीएमसी- 78,840
आरएसपी - 68,158
भाजपा- 4,074
प्राथरप्रतिमा: इस सीट से टीएमसी के निवर्तमान विधायक समीर कुमार जाना और भाजपा के असित हल्दर के बीच इस बार बेहद कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। जाना 2011 से जीतते आ रहे हैं और उनके सामने सीट बचाने की बड़ी चुनौती है। वहीं, कांग्रेस के सुखदेव बेरा भी यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
वर्ष 2016 का नतीजा:
टीएमसी- 95,422
माकपा- 80,649
भाजपा- 3553
सागर: इस सीट से तृणमूल के निवर्तमान विधायक बंकिम चंद्र हाजरा व भाजपा के विकास चंद्र कामिला जोर- आजमाइश कर रहे हैं। वरिष्ठ विधायक बंकिम चंद्र हाजरा 2011 से इस सीट से जीतते आ रहे हैं। तीसरी बार जीत सुनिश्चित करने के लिए वे लगातार जुटे हैं। हालांकि इस बार उनके लिए राह आसान नहीं है। भाजपा यहां कड़ी चुनौती दे रही है। अमित शाह व योगी आदित्यनाथ भी यहां रैली कर चुके हैं। वहीं, माकपा से यहां डॉ शेख मुकुलेश्वर रहमान मैदान में हैं।
वर्ष 2016 का नतीजा:
टीएमसी- 94,264
माकपा- 86,115
भाजपा- 3,193
काकद्वीप: इस सीट से ममता सरकार में मंत्री और तृणमूल के निवर्तमान विधायक मंटुराम पाखीरा एवं भाजपा से दीपंकर जाना मैदान में हैं। तीन बार के विधायक पाखीरा ने 2001, 2011 व 2016 में जीत दर्ज की थी। वहीं, लगातार तीसरी बार जीत सुनिश्चित करने के लिए पाखीरा लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं, भाजपा से इस बार उन्हें भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट पर कांग्रेस से इंद्रनील राऊत मैदान में हैं।
वर्ष 2016 का नतीजा:
टीएमसी- 84,483
माकपा- 73,980
भाजपा- 3,329
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