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    WB SSC Scam: पार्थ चटर्जी ने अर्पिता की बहन को भी दी नौकरी, 15 करोड़ की लागत से बनवाया स्‍कूल

    By JagranEdited By: Sumita Jaiswal
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 04:04 PM (IST)

    बंगाल के शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे ईडी रोज नए खुलासे कर रही है। ईडी की चार्जशीट से पता चला है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपनी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी की बहन को भी नौकरी दी है।

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    पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी की तस्‍वीर।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे ईडी रोज नए खुलासे कर रही है। अब पता चला है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने  अपनी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी की बहन को भी नौकरी दी है। पता चला है कि शिक्षा विभाग में ग्रुप डी की नौकरी अर्पिता की बहन को मिली है।

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     इतना ही नहीं पार्थ चटर्जी ने शिक्षक नियुक्ति में धांधली से हासिल हुई राशि के जरिए शेयर खरीदा और उसे अपनी दिवंगत पत्नी के नाम ट्रांसफर कर दिया। अपनी दिवंगत पत्नी के नाम पर मौजूद कंपनी का शेयर भी पार्थ ने  अर्पिता के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। उनकी दिवंगत पत्नी का नाम बबली चटर्जी है। बबली चटर्जी के नाम पर टेक्स्ट फैब प्राइवेट लिमिटेड का शेयर था, जिसके अधिकतर शेयर अर्पिता के नाम पर ट्रांसफर कर दिए गए। इस बारे में चार्जशीट के जरिए ईडी ने न्यायालय को जानकारी दी है।

    15 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया स्‍कूल

     ईडी ने यह भी बताया है कि पिंगला में एक बहुत बड़ा स्कूल पार्थ चटर्जी ने अपनी पत्नी और दमाद को सामने रखकर बनवाया है। इसे बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है लेकिन केवल चार करोड़ 38 लाख का खर्च दिखाया गया है। इस पैसे का भी सीधा संबंध शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार से है। फिलहाल इस बारे में और अधिक जानकारी एकत्रित कर न्यायालय को बताने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

    ईडी ने पेश किया सौ करोड़ से ज्‍याद संपतित की जांच 

    बताते चलें कि शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ सुबूत के तौर पर ईडी ने अदालत में 14,643 दस्तावेज जमा किए हैं। आर्थिक भ्रष्टाचार से जुड़े किसी मामले में संभवत: पहली बार इतनी बड़ी तादाद में दस्तावेज जमा किए गए हैं। ऐसे दस्तावेजों को कानूनी भाषा में 'रिलाई अपन डाक्यूमेंट्स' (आरयूडी) कहा जाता है। ये दस्तावेज पार्थ-अर्पिता व उनकी छह कंपनियों के खिलाफ हैं। ईडी ने अपनी पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट के साथ इन दस्तावेजों को संलग्न किया है। दो बड़े संदूको में भरकर इन दस्तावेजों को अदालत लाया गया था। ईडी इस मामले में अभी कम से कम दो और सप्लीमेंट्री चार्जशीट जमा कर सकती है और उसके बाद अंतिम चार्जशीट जमा करेगी। ऐसे में आरयूडी का पहाड़ खड़ा हो सकता है। ईडी ने जमा की गई चार्जशीट में पार्थ और अर्पिता के पास से बरामद नकदी, गहनों समेत 103.1 करोड़ रुपये की स्थायी व अस्थायी संपत्ति का ब्योरा पेश किया है।