WB SSC Scam : एसएससी के पूर्व चेयरमैन का दावा, 50 करोड़ कुछ भी नहीं, शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ है अरबों रुपये का घोटाला
स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के पहले चेयरमैन रहे चित्तरंजन मंडल ने यह दावा करते हुए सिरदर्द बढ़ा दिया है कि उन्हें इस गोरखधंधे के बारे में पता चल गया था और उन्होंने टीएमसी नेतृत्व को सूचित भी किया था लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी व उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की बरामदगी को लेकर सवालों में घिरी ममता सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। अब राज्य में टीएमसी की अगुआई में सरकार के गठन के बाद स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के पहले चेयरमैन रहे चित्तरंजन मंडल ने यह दावा करते हुए सिरदर्द बढ़ा दिया है कि उन्हें इस गोरखधंधे के बारे में पता चल गया था और उन्होंने टीएमसी नेतृत्व को सूचित भी किया था लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया।
चित्तरंजन ने कहा कि इस मामले में अभी तक 50 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई है, जो इस घोटाले के दायरे के लिहाज से कुछ भी नहीं है। अरबों रुपये का घोटाला हुआ है। अगर 20 हजार नौकरियां भी बेची गई होंगी और प्रत्येक मामले में 10 लाख रुपये भी वसूले गए होंगे तो कई टेबल से गुजरने के बाद भी छह लाख रुपये आते होंगे। उस हिसाब से 1,200 करोड़ रुपये होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसमें अकेले पार्थ चटर्जी शामिल नहीं हैं। उनके लिए अकेले ये सब करना संभव नहीं था। जमीनी स्तर से ही ये गोरखधंधा चल रहा था।
चित्तरंजन ने कहा कि उनके चेयरमैन रहते भी उनपर गलत तरीके से नियुक्ति करने का दबाव डाला जाता था। प्रभावशाली लोग अपने ड्राइवर के जरिए दरवान के हाथ में कागज की पर्चियां थमाकर सिफारिश करते थे। कोई सचिव के माध्यम से सिफारिश करता था। उन्होंने टीएमसी नेतृत्व का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया था। उन्हें अच्छा करने के बदले तिरस्कार मिला। कारण बताए बिना ही एसएससी के चेयरमैन के पद से हटा दिया गया। पार्थ चटर्जी ने उनके साथ दुव्र्यवहार किया। वे खुद को सत्ताधारी दल व सरकार में 'सेकेंड मैन बताते थे।
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