'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के ट्रेलर रिलीज के बाद भड़की ममता सरकार, निर्देशक सनोज मिश्रा को थमा दिया लीगल नोटिस
WB News द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर रिलीज होते ही ममता सरकार फिल्म के निर्देशक पर भड़क गई। पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से निर्देशक सनोज मिश्रा को लीगल नोटिस भेजकर 30 मई को पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस बुलाया गया है।
महाराष्ट्र, ऑनलाइन डेस्क। पश्चिम बंगाल पुलिस ने हिंदी फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के निर्देशक को लीगल नोटिस जारी किया है। निर्देशक पर आरोप लगाया है कि इस फिल्म से वह बंगाल और बंगाल सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
सच्ची घटना पर आधारित फिल्म
वसीम रिजवी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' जितेंद्र नारायण सिंह द्वारा निर्मित और प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा लिखित और निर्देशित की गई है। इस फिल्म के को प्रोड्यूसर तापस मुखर्जी व अचिन्तया बोस हैं। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही बवाल मच गया है। दरअसल, यह फिल्म ममता सरकार के दौरान की सच्ची घटनाओं पर आधारित बताई जा रही है।
Maharashtra | West Bengal Police issues notice to the director of the Hindi film "The Diary of West Bengal", alleging that the director is trying to defame Bengal with this film.
Presented by Wasim Rizvi Films, The Diary of West Bengal is produced by Jitendra Narayan Singh and…
— ANI (@ANI) May 26, 2023
कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
निदेशक सनोज मिश्रा को 30 मई को पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41A के तहत नोटिस दिया गया है। इस फिल्म को लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आईटी एक्ट और सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
Director Sanoj Mishra has been served a notice under Section 41A of the CrPC for questioning on May 30 at Amherst Street PS in West Bengal. FIR has been registered under various sections of IPC, IT Act and Cinematography Act regarding this film.— ANI (@ANI) May 26, 2023
फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही मचा बवाल
इस फिल्म को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने निर्देशक पर आरोप लगाते हुए एक नोटिस जारी किया है। फिल्म का ट्रेलर देख कर पता चल रहा है कि फिल्म पूरी तरह से ममता सरकार पर फोकस करते हुए बनाई गई है। इस फिल्म में हिंदुओं के साथ पश्चिम बंगाल में हुए अन्याय को दिखाया गया है और इसमें रोहिंग्या और कट्टरपंथी समुदाय का भी जिक्र नजर आ रहा है। ट्रेलर में CAA और NRC के बारे में भी दिखाया गया है।
ममता बनर्जी को बनाया विलेन
इस फिल्म के ट्रेलर के शुरुआत में ही कहा गया है कि यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है और इसका किसी जाति, धर्म और समुदाय को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर में ममता बनर्जी को विलेन की तरह दिखाया गया है। यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे ममता सरकार ने बंगाल में हिंदुओं के साथ अन्याय किया है।