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'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के ट्रेलर रिलीज के बाद भड़की ममता सरकार, निर्देशक सनोज मिश्रा को थमा दिया लीगल नोटिस

WB News द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर रिलीज होते ही ममता सरकार फिल्म के निर्देशक पर भड़क गई। पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से निर्देशक सनोज मिश्रा को लीगल नोटिस भेजकर 30 मई को पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस बुलाया गया है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariPublished: Fri, 26 May 2023 11:55 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 11:55 AM (IST)
'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के ट्रेलर रिलीज के बाद भड़की ममता सरकार, निर्देशक सनोज मिश्रा को थमा दिया लीगल नोटिस
'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' का ट्रेलर रिलीज होते भड़की ममता सरकार

महाराष्ट्र, ऑनलाइन डेस्क। पश्चिम बंगाल पुलिस ने हिंदी फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के निर्देशक को लीगल नोटिस जारी किया है। निर्देशक पर आरोप लगाया है कि इस फिल्म से वह बंगाल और बंगाल सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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सच्ची घटना पर आधारित फिल्म

वसीम रिजवी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' जितेंद्र नारायण सिंह द्वारा निर्मित और प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा लिखित और निर्देशित की गई है। इस फिल्म के को प्रोड्यूसर तापस मुखर्जी व अचिन्तया बोस हैं। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही बवाल मच गया है। दरअसल, यह फिल्म ममता सरकार के दौरान की सच्ची घटनाओं पर आधारित बताई जा रही है।

कई धाराओं के तहत मामला दर्ज

निदेशक सनोज मिश्रा को 30 मई को पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41A के तहत नोटिस दिया गया है। इस फिल्म को लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आईटी एक्ट और सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही मचा बवाल

इस फिल्म को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने निर्देशक पर आरोप लगाते हुए एक नोटिस जारी किया है। फिल्म का ट्रेलर देख कर पता चल रहा है कि फिल्म पूरी तरह से ममता सरकार पर फोकस करते हुए बनाई गई है। इस फिल्म में हिंदुओं के साथ पश्चिम बंगाल में हुए अन्याय को दिखाया गया है और इसमें रोहिंग्या और कट्टरपंथी समुदाय का भी जिक्र नजर आ रहा है। ट्रेलर में CAA और NRC के बारे में भी दिखाया गया है।

ममता बनर्जी को बनाया विलेन

इस फिल्म के ट्रेलर के शुरुआत में ही कहा गया है कि यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है और इसका किसी जाति, धर्म और समुदाय को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर में ममता बनर्जी को विलेन की तरह दिखाया गया है। यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे ममता सरकार ने बंगाल में हिंदुओं के साथ अन्याय किया है। 


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