राज्य ब्यूरो, कोलकाता। विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भूमि विवाद में नोबेल पदक जयी अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को नोटिस भेजकर उन्हें इस मामले पर सुनवाई के लिए 29 मार्च को हाजिर होने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि अमर्त्य सेन ने विश्वभारती की 13 डेसिमल जमीन पर कब्जा कर रखा है।
कानून के मुताबिक, उन्हें उस जमीन से बेदखल क्यों नहीं किया जाए? सेन 29 मार्च को उक्त जमीन से संबंधित दस्तावेज लेकर विश्वभारती के सेंट्रल एडमिशन बिल्डिंग के कांफ्रेंस हाल में आएं और अपना पक्ष रखें। वे अगर खुद नहीं आ सकते तो अपना प्रतिनिधि भेजें।
नोटिस में सेन अथवा उनके प्रतिनिधि के बैठक में हाजिर नहीं होने पर 'एकतरफा' निर्णय लेते हुए अगला कदम उठाने की बात कही गई है। इससे पहले भी विश्वभारती प्रबंधन की ओर से सेन को पत्र लिखकर जमीन लौटाने को कहा जा चुका है। इसके जवाब में सेन ने कहा था कि विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती वर्तमान में जिस भवन में रहते हैं, वहां एक समय उनके परदादा क्षिति मोहन सेन रहा करते थे।
इस मसले पर बंगाल सरकार ने सेन का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जनवरी के अंत में अपने बीरभूम दौरे के समय लैंड रिकार्ड लेकर सेन के बोलपुर स्थित घर पहुंच गई थी और उन्हें जमीन के कागजात सौंपे थे। राज्य सरकार की तरफ से सेन को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान की गई है, जो उससे पहले सिर्फ मुख्यमंत्री व तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी को ही प्राप्त थी।