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    विश्वभारती विश्वविद्यालय ने नोबेल विजेता अर्थशास्त्री को भेजा नोटिस, कहा- अवैध कब्जे वाली जमीन खाली करें

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Wed, 03 May 2023 04:01 PM (IST)

    जमीन मामले में नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन और विश्वभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच जारी विवाद के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब अपने मंत्रियों से बेदखली नोटिस के खिलाफ सेन के समर्थन में उनके घर के बाहर शांतिपूर्ण धरना देने का निर्देश दिया है।

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    विश्वभारती विश्वविद्यालय ने नोबेल विजेता अर्थशास्त्री को भेजा नोटिस

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। जमीन मामले में नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन और विश्वभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच जारी विवाद के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब अपने मंत्रियों से बेदखली नोटिस के खिलाफ सेन के समर्थन में उनके घर के बाहर शांतिपूर्ण धरना देने का निर्देश दिया है।

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    मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान ममता ने MSME मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा को इस विरोध का नेतृत्व करने के लिए कहा। इस धरने में उन्होंने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को भी शामिल होने का निर्देश दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

    सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारी सेन की जमीन से अतिक्रमण हटाने और जमीन पर कब्जा करने के लिए बुलडोजर भी भेजे, तो भी वे वहां से एक इंच भी नहीं हटें।

    अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि जिले के लोक कलाकारों को भी प्रदर्शन में शामिल करना चाहिए और धरना स्थल पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।

    उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बेदखली के अपने आदेश में सेन को नोटिस भेजकर अवैध कब्जे वाली 13 डिसिमल जमीन 6 मई तक या 19 अप्रैल के प्रकाशित आदेश के 15 दिनों के अंदर खाली करने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर बलपूर्वक बेदखल करने की चेतावनी दी है।

    विश्वविद्यालय का दावा है कि सेन ने उसकी 13 डिसिमल जमीन पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है। इस पर ममता ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर सेन के घर को बुलडोजर से तोड़ने की कोशिश की गई तो मैं खुद जाकर वहां (शांतिनिकेतन में) धरने पर बैठ जाऊंगी।

    दरअसल, पिछले कुछ महीनों से जारी इस जमीन विवाद में ममता सरकार खुलकर सेन के समर्थन में हैं। वहीं, अमर्त्य सेन लगातार विश्वविद्यालय के आरोपों को खारिज करते हुए दावा कर रहे हैं कि 1.25 एकड़ जमीन विश्वभारती द्वारा उनके पिता को पट्टे पर दी गई थी जबकि विवादास्पद 13 डिसिमल जमीन उनके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन का हिस्सा है।

    उनके पास इसके सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। हालांकि विश्वविद्यालय यह दलील मानने को तैयार नहीं है। बता दें कि कुछ माह पहले खुद मुख्यमंत्री ने शांतिनिकेतन में सेन के घर जाकर राज्य सरकार की तरफ से उन्हें 1.38 एकड़ जमीन के अधिकार का दस्तावेज सौंपा था।