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Heart Disease: दिल की बीमारी से पीड़ित दो माह की बच्‍ची को मिली नई जिंदगी, दूध पीना भी था मुश्किल

Heart disease in kids कोलकाता के डाक्‍टरों ने दिल की जटिल बीमारी से पीड़ित दो माह की नन्‍ही बच्‍ची को नई जिंदगी दी है। इस बीमारी को टोटल एनॉमलस पल्मोनरी वेनस रिटर्न कहा जाता है। इससे बच्‍चे को सांस लेने में कठिनाई होती है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 18 Jun 2022 08:36 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jun 2022 12:04 PM (IST)
Heart Disease:  दिल की बीमारी से पीड़ित दो माह की बच्‍ची को मिली नई जिंदगी, दूध पीना भी था मुश्किल
दिल की जटिल बीमारी से पीड़ित दो माह की नन्‍ही बच्‍ची को मिली नई जिंदगी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के एनएच आरटीआइआइसीएस के डाक्टर ने दिल की जटिल बीमारी के साथ पैदा हुई बच्ची एएस को ठीक कर उसे नई जिंदगी दी है। दो महीने की बच्ची को दूध पीने और सांस लेने में दिक्कत होने पर बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाया गया था। डाक्टर ने अनियमित हृदय ध्वनियों की खोज की और सुझाव दिया कि माता-पिता हृदय रोग विशेषज्ञ से चिकित्सा सलाह लें। बच्ची को अगरतला के एनएच-आरटीआईआईसीएस कार्डियक क्लिनिक में ले जाया गया। अगरतला में बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देबश्री गंगोपाध्याय ने बच्ची का इकोकार्डियोग्राम किया। पता चला कि उसे जन्म से ही दिल की जटिल समस्या है।

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बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देबश्री गंगोपाध्याय ने कहा, उसकी नसों का असामान्य संबंध था जो रक्त को हृदय में वापस ला रहा था। इस बीमारी को टोटल एनॉमलस पल्मोनरी वेनस रिटर्न कहा जाता है। इसके साथ कई शिशुओं को जन्म के 1-2 दिनों के भीतर सांस लेने में गंभीर कठिनाई होती है और उन्हें तत्काल हृदय शल्य चिकित्सा की आवश्यकता होती है। इस हृदय रोग के साथ पैदा होने वाले अधिकांश शिशुओं में जीवन के पहले 2-3 महीनों के भीतर सांस लेने में कठिनाई, भोजन की समस्या, खराब वजन, श्वसन संक्रमण के लक्षण विकसित होंगे, जो उन्हें निदान के लिए डाक्टर के पास पेश करते हैं। यह एक जीवन के लिए खतरनाक स्थिति है और इसका निदान होते ही ऑपरेशन किया जाना चाहिए।

निदान के बाद बच्ची एएस को एनएच-आरटीआईआईसीएस, कोलकाता ले जाया गया, जहां प्रसिद्ध सर्जन डॉ. मृणालेन्दु दास द्वारा किया गया सुधारात्मक ऑपरेशन किया गया। सर्जरी अच्छी तरह से हुई और बच्ची को ठीक होने के लिए 2 सप्ताह तक अस्पताल में रखा गया।

श्री वेंकटेश - चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, नारायण हेल्थ ईस्ट एंड साउथ रीजन ने कहा कि हमारे अस्पताल में मरीज उन्हें सर्वोत्तम देखभाल और उपचार प्रदान करने के हमारे सक्रिय प्रयासों के साक्षी रहे हैं। इन हाई-टेक परिवर्धन के साथ हम उनके चिकित्सा मुद्दों के इलाज के लिए सबसे उन्नत तकनीक लाने की अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हैं।

बच्ची के माता-पिता बहुत खुश हैं कि उनकी बच्ची इस तरह की घातक बीमारी से ठीक हो गई है। बच्ची एएस अब सामान्य रूप से खा रही है और विकसित हो रही है। उसे अब तेजी से सांस लेने और दूध पीने की समस्या नहीं है जो उसे प्रक्रिया से पहले थी।


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