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    Bengal Teacher Recruitment Scam: तृणमूल को स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पहले से थी जानकारी, कुणाल घोष ने लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Thu, 02 May 2024 04:31 PM (IST)

    कुणाल घोष ने दावा किया है कि पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पता था। घोष ने यह बयान बुधवार को उन्हें पार्टी के प्रदेश महासचिव पद से हटाये जाने के बाद दिया। घोष को भाजपा के एक लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने और उनकी प्रशंसा करने के कुछ घंटे बाद पद से हटा दिया गया था।

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    Bengal Teacher Recruitment Scam: तृणमूल को स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पहले से थी जानकारी

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। Bengal Teacher Recruitment Scam: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने दावा किया है कि पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पता था। घोष ने यह बयान बुधवार को उन्हें पार्टी के प्रदेश महासचिव पद से हटाये जाने के बाद दिया।

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    घोष ने बांग्ला समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि पार्टी इस तथ्य से अच्छी तरह से वाकिफ थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नौकरियों के बदले जबरन वसूली हो रही है। घोष को भाजपा के एक लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने और उनकी प्रशंसा करने के कुछ घंटे बाद पद से हटा दिया गया था।

    तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले घोष का नुकसान पहुंचाने वाला यह बयान मौजूदा लोकसभा चुनावों के बीच आया है, क्योंकि चुनाव में एसएससी घोटाला एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

    घोष अगली पीढ़ी के नेताओं के लिए अधिक तवज्जो की मांग कर रहे थे और उनकी टीएमसी में पुराने नेताओं के साथ खींचतान चल रही थी।

    उन्होंने कहा कि व्यापक भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी के कारण पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को 2021 में पार्टी के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। घोष की यह टिप्पणी कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा बंगाल सरकार संचालित और सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य-स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित करने के एक सप्ताह बाद आई है।

    अदालत ने उसके माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद करीब 26,000 लोगों की नौकरियां चली गईं। टीएमसी नेतृत्व ने कहा था कि 2022 में चटर्जी की गिरफ्तारी होने तक पार्टी को घोटाले की जानकारी नहीं थी।

    टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को एसएससी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए जुलाई 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया था।

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