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    Kolkata: 'बगावत' रोकने के लिए ममता ने कसी कमर, पार्टी नेताओं को दायरे में बांधा, हर नेता की जिम्मेदारी तय

    Updated: Wed, 27 Nov 2024 08:06 AM (IST)

    बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के हर नेता के लिए जिम्मेदारी तय कर दी है। दरअसल बीते कुछ समय से पार्टी में आरजी कर अस्पताल में महिला डाक्टर से दरिंदगी समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे थे। जिसे देखते हुए सीएम बनर्जी ने ये कदम उठाया है। इसके साथ ही कमेटी का भी गठन किया गया है।

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    'बगावत' रोकने को ममता ने पार्टी नेताओं को दायरे में बांधा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में महिला डाक्टर से दरिंदगी समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्टी में उठे विरोध के स्वर को देखते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने नेताओं को दायरे में बांध दिया है।

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    बीते सोमवार को हुई तृणमूल की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में ममता ने पार्टी के प्रत्येक नेता के लिए निर्दिष्ट जिम्मेदारी तय कर दी और उन्हें उसके बाहर जाकर काम करने से मना किया गया है। ममता ने स्पष्ट कर दिया कि कौन किस मुद्दे पर बोलेगा और किस पर नहीं।

    उन्होंने बढ़ती बयानबाजी पर अंकुश लगाने को संसद, विधानसभा व पार्टी स्तर पर तीन अनुशासनात्मक कमेटियों का भी गठन किया। इनमें उन्हीं नेताओं को जगह दी गई है, जो ममता के सबसे करीबी माने जाते हैं। कमेटियां अपने-अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई करेंगी। कमेटियों की ओर से भेजे जाने वाले नोटिस का जवाब देना अनिवार्य होगा। तीसरी नोटिस का जवाब नहीं देने पर निलंबित कर दिया जाएगा।

    मालूम हो कि आरजी कर कांड पर तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने पार्टी के रूख की आलोचना की थी। वहीं, जवाहर सरकार ने पार्टी की रास सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उससे पहले तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर पार्टी नेतृत्व के कई निर्णयों पर अंगुली उठा चुके हैं। इसके बीच ही तृणमूल में 'नए-पुराने' नेताओं का मुद्दा भी गरमाया था। खूब बयानबाजी हुई थी। मुख्यमंत्री के सांसद भतीजे व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने युवा नेताओं की पैरवी की थी तो ममता ने अनुभवी नेताओं को तरजीह दी थी।

    सूत्रों ने बताया कि बंगाल चुनाव में अब डेढ़ साल से भी कम समय रह गया है। ऐसे में ममता पार्टी को 'आर्डर' में लाना चाहती हैं। उन्होंने बैठक में दो-टूक कहा कि वह पार्टी विरोधी किसी कार्य को बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने सुखेंदु को बैठक में नहीं बुलाकर भी कड़ा संदेश दिया है।

    ममता बनर्जी पर बरसे अधीर रंजन

    टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को I.N.D.I.A ब्लॉक में नए नेता की जरूरत की बात कही। महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली हार के बाद कल्याण बनर्जी ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाया तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि कभी टीएमसी एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी। मगर यह एक क्षेत्रीय पार्टी बन गई। पार्टी का कद कम हुआ है। गोवा से त्रिपुरा तक और अन्य राज्यों में टीएमसी ने हर कोशिश की। मगर सफलता नहीं मिली।

    'टीएमसी के पास गुंडे-मवाली सब हैं'

    हाल ही में छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में टीएमसी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की। इस पर अधीर रंजन ने कहा कि बंगाल की बात अलग है। यहां उनका (टीएमसी) अपना 'राज' है। उनके पास पैसा है, गुंडे-मवाली सब कुछ है। यहां उपचुनाव कोई खास मायने नहीं रखते हैं। सबको मालूम था कि उपचुनाव में क्या होने वाला है और कौन जीतने वाला है? अधीर रंजन ने कहा कि बंगाल की हालत अच्छी नहीं। आज नहीं तो कल लोग जरूर सोचेंगे।

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