'आधार से जुड़ चुका है ED', विधायक Krishna Kalyani के घर छापेमारी को लेकर TMC सांसद शताब्दी रॉय ने कसा तंज
जांच एजेंसी राज्य में भर्ती भ्रष्टाचार कोयला तस्करी गाय तस्करी समेत कई मामलों की जांच कर रही है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी के कई नेता विधायक विभिन्न मामलों में शामिल हैं। कई गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी और आयकर विभाग ने कृष्ण के घर पर एक साथ छापेमारी की।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। आयकर और ईडी ने बुधवार को रायगंज विधायक कृष्ण कल्याणी के घर और दफ्तर पर छापेमारी की। इसे लेकर बीरभूम की तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय ने केंद्रीय एजेंसी पर निशाना साधा और तंज कसा कि ईडी अब आधार कार्ड से जुड़ चुका है। तृणमूल सांसद ने बुधवार को बीरभूम के रामपुरहाट सरकारी अस्पताल का दौरा किया। कृष्ण कल्याणी के घर पर छापेमारी को लेकर शताब्दी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में जितने भी लोगों के घर में आधार कार्ड है, उनके यहां भी ईडी के छापे पड़ जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि ईडी अब आधार कार्ड से जुड़ गया है। भाजपा सीबीआई, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल अपने हितों के लिए कर रही है, तृणमूल लगातार इसकी शिकायत करती रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने हर जनसभा से शिकायत की कि ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल भाजपा राजनीतिक बदले के लिए कर रही है। ऐसे में गेरुआ खेमा विपक्ष की आवाज को दबाना चाहता है। हालांकि, खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए ईडी को धन्यवाद दिया था। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा था कि ईडी की वजह से विपक्ष एक साथ हो गए हैं।
भर्ती भ्रष्टाचार समेत कई मामलों की जांच कर रही है जांच एजेंसी
केंद्रीय जांच एजेंसी राज्य में भर्ती भ्रष्टाचार, कोयला तस्करी, गाय तस्करी समेत कई मामलों की जांच कर रही है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी के कई नेता, विधायक विभिन्न मामलों में शामिल हैं। कई की गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी और आयकर विभाग ने बुधवार को कृष्ण कल्याणी के घर पर एक साथ छापेमारी की। कृष्ण खाता कलम में भाजपा विधायक हैं, लेकिन भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद वह तृणमूल में शामिल हो गए। उनके कई व्यवसाय हैं। केंद्रीय जांचकर्ता यह दावा करते हुए जांच कर रहे हैं कि कई अनियमितताएं हुई हैं। तृणमूल में शामिल होने के बाद विधानसभा की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष भी उन्हें बनाया गया है। इससे पहले मुकुल रॉय थे, लेकिन उन्होंने जब इस्तीफा दे दिया तो कृष्णा कल्याणी को अध्यक्ष बनाया गया।
शताब्दी को भी करना पड़ा था ईडी और सीबीआई का सामना
दूसरी ओर, शताब्दी को सारधा व रोजवैली चिटफंड मामले में पैसे के लेन-देन के आधार पर एक समय में ईडी और सीबीआई की पूछताछ का भी सामना करना पड़ा था। ईडी के अधिकारियों ने दावा किया था कि शताब्दी को चिटफंड कंपनियों से करीब 29 लाख रुपये मिले थे। उन्होंने ब्रांड एंबेसडर के रूप में चिटफंड कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। उस एग्रीमेंट के मुताबिक उन्हें वह पैसा मिला था। हालांकि, बाद में तृणमूल सांसद ने पैसे वापस कर दिए।
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