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    'अपने राज्यपालों को संभालो...', कोलकाता के कमिश्नर और डीसीपी पर गृह मंत्रालय की कार्रवाई को लेकर भड़कीं महुआ मोइत्रा

    By Agency Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 08 Jul 2024 12:40 PM (IST)

    सांसद महुआ ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि गृह मंत्रालय ने राजभवन की छवि खराब करने के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। बंगाल के राज्यपाल ने कार्यालय परिसर के अंदर महिलाओं से छेड़छाड़ करके अपने ऑफिस को बदनाम किया है। अपने राज्यपालों पर नियंत्रण रखें क्योंकि वे खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकते। यह शर्मनाक है।

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    राज्यपाल खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकते- महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)

    एएनआई, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्रालय पर निशाना साधा है। उन्होंने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यालय की निंदा करने के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ मंत्रालय द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को हास्यास्पद बताया।

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    सांसद महुआ ने एक्स पर कहा, "यह हास्यास्पद है कि गृह मंत्रालय ने राजभवन की छवि खराब करने के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।" महुआ ने राज्यपाल बोस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कार्यालय परिसर के अंदर महिलाओं से छेड़छाड़ करके अपने कार्यालय की छवि खराब की है।

    राज्यपाल खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकते- महुआ

    उन्होंने लिखा, "बंगाल के राज्यपाल ने कार्यालय परिसर के अंदर महिलाओं से छेड़छाड़ करके अपने ऑफिस को बदनाम किया है। अपने राज्यपालों पर नियंत्रण रखें, क्योंकि वे खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकते। यह शर्मनाक है।" इस बीच, टीएमसी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाया है।

    बंगाल के राज्यपाल ने अपने पद को बदनाम किया- बनर्जी

    क्या यह हास्यास्पद नहीं है कि गृह मंत्रालय राजभवन को बदनाम करने के लिए कलकत्ता के कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर रहा है? गृह मंत्रालय क्या आपको शर्म नहीं आती? बंगाल के राज्यपाल ने कार्यालय परिसर में महिलाओं को परेशान करके अपने पद को बदनाम किया है। आपको अपने राज्यपालों को नियंत्रित करना चाहिए क्योंकि वे खुद को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं दिखते हैं।"

    भारत की संघीय व्यवस्था को नष्ट किया जा रहा है

    उन्होंने आगे कहा, "सभी को न्याय का अधिकार है तो क्या इसका मतलब यह है कि विशाखा का मामला इससे अलग है? राज्य सरकारों में काम करने वाले भारतीय पुलिस सेवा के कर्मचारियों के खिलाफ केंद्र के अभियोजन का विषय कौन सा कानून है? इस तरह के कदम से भारत की संघीय व्यवस्था के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं को भी नष्ट किया जा रहा है।"

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