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    टीएमसी विधायक ने द्रौपदी मुर्मू के धर्म पर उठाया सवाल, कहा-आदिवासी होते हुए भी खुद को लिखती हैं हिंदू

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Mon, 18 Jul 2022 05:42 PM (IST)

    President Election 2022 भाजपा नीत द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। वह राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिद्वंद्विता करने वाली भारत की पहल ...और पढ़ें

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    टीएमसी विधायक ने द्रौपदी मुर्मू के धर्म पर उठाया सवाल

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। टीएमसी की विधायक और संथाली अभिनेत्री बीरबाहा हांसदा ने सोमवार को द्रौपदी मुर्मू के धर्म को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या द्रौपदी मुर्मू सचमुच आदिवासी हैं? वह अपने को हिंदू लिखती हैं। लोगों को गलत समझाने से कुछ लाभ नहीं होगा। सोमवार को बंगाल विधानसभा में मतदान करने पहुंचीं बीरबाहा हांसदा ने यह आरोप लगाया।

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    भाजपा नीत राजग प्रत्याशी और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। वह राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिद्वंद्विता करने वाली भारत की पहली आदिवासी महिला हैं। भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला बताते हुए ममता बनर्जी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने 2024 के चुनाव से पहले आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाने को लेकर श्रेय ले रही है।

    सोमवार को विधानसभा में बीरबाहा हांसदा ने साफ तौर पर कहा कि मैं भी एक आदिवासी महिला हूं। एक आदिवासी महिला के रूप में लिखते हुए हम धर्म में सारि धर्म लिखते हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू ने हिंदू धर्म लिखा है। हम संथाल हैं, लेकिन हिंदू नहीं हैं, हम बंगाल में सारि धर्म का पालन करते हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे प्रतिनिधि को नामित करे, जो सारि धर्म का पालन करता हो। हमें कोई आपत्ति नहीं होगी। इस तरह झूठ फैलाना काम नहीं आएगा। हम आदिवासी भी इस बात को समझते हैं कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच बोल रहा है।

    ममता बनर्जी ने पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू के नाम के बारे में कहा था। तृणमूल कांग्रेस को यदि उम्मीदवार के नाम के बारे में पहले से जानकारी होती तो इस बारे में विचार करती। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में अगले साल पंचायत चुनाव और उसके बाद फिर 2024 में लोकसभा में भाजपा आदिवासी वोट बैंक को लुभाएगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि बंगाल में आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग भाजपा का समर्थन करता है और वह इस वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है। भाजपा ममता बनर्जी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगा रही है।