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    TMC नेता कुणाल घोष ने राज्य प्रवक्ता व महासचिव के पद से दिया इस्तीफा, इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल से हटाई पार्टी की पहचान

    Updated: Fri, 01 Mar 2024 06:25 PM (IST)

    भावित विद्रोह की अटकलों को हवा देते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को राज्य प्रवक्ता व प्रदेश महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। एक्स पर अपने नए बायो में घोष ने खुद को सिर्फ एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है और अपनी पार्टी के सभी संदर्भ हटा दिए हैं।उन्होंने पोस्ट में लिखा कि वह तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता का पद नहीं रखना चाहते।

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    TMC नेता कुणाल घोष ने राज्य प्रवक्ता व महासचिव के पद से दिया इस्तीफा। फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। संभावित विद्रोह की अटकलों को हवा देते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को राज्य प्रवक्ता व प्रदेश महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को दे दी है। इसके पहले उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल से अपनी तृणमूल कांग्रेस की पहचान हटा दी और नेतृत्व के एक वर्ग पर स्वार्थी रूप से गुटबाजी में शामिल होने का भी आरोप लगाया।

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    घोष ने बदला अपने एक्स का बायो

    एक्स पर अपने नए बायो में घोष ने खुद को सिर्फ एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है और अपनी पार्टी के सभी संदर्भ हटा दिए हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर किसी विशेष का नाम लिए बिना तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग को दोषी ठहराते हुए एक पोस्ट भी डाला। जिसमें उन्होंने लिखा है कि ये नेता अक्षम, स्वार्थी, गुटबाजी में लिप्त हैं और अनैतिकता का सहारा ले रहे हैं।

    काफी दिन से चल रही है अनबन

    ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के प्रति आम तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के कारण चुनाव जीतने के बाद वह फिर से अपना स्वार्थ साधने में लग जाएंगे। ऐसा बार-बार नहीं हो सकता। पार्टी सूत्रों ने बताया कि संभवतया घोष का निशाना उत्तर कोलकाता का एक प्रभावशाली नेता है, जिनसे उनकी काफी समय से अनबन चल रही है।

    पार्टी में बनकर रहेंगे सिपाही

    उन्होंने पोस्ट में लिखा कि वह तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता का पद नहीं रखना चाहते। वह सिस्टम में मिसफिट हैं। कार्य करने में असमर्थ हैं। वह पार्टी में सिपाही बनकर रहेंगे। कृपया दलबदल की अफवाहों को हवा न दें। ममता बनर्जी मेरी नेता हैं, अभिषेक बनर्जी मेरे सेनापति हैं। तृणमूल कांग्रेस मेरी पार्टी है।

    हाल ही में घोष यह दावा करने के लिए खबरों में थे कि राज्य सरकार और पुलिस की ओर से कुछ प्रशासनिक कार्रवाइयां पार्टी प्रवक्ता के रूप में उनके काम को कठिन बना रही हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग के साथ अत्यधिक तनाव के बीच घोष ने कभी भी अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से अपनी राजनीतिक पहचान नहीं हटाई थी।

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