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    'हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए', बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा पर टीएमसी नेता की दो टूक

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 09:12 PM (IST)

    टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा और हत्याओं की उम्मीद नहीं की जाती। बेहतर होता यदि चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में होते। दुर्भाग ...और पढ़ें

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    बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा पर टीएमसी नेता की दो टूक

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राजनीतिक हिंसा की संस्कृति खत्म करने की अपील करते हुए कहा है कि दो दिन पहले हुए पंचायत चुनाव में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत को लेकर हर किसी को शर्मिंदा होना चाहिए। बीते शनिवार को बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो गई है।

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    पूर्व आइपीएस व टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने कहा कि एक बंगाली होने के नाते, मेरा सिर शर्म से झुक गया है और इसके लिए हर किसी को शर्मिंदा होना चाहिए कि 2023 में भी हम हिंसा की इस संस्कृति पर रोक नहीं लगा सके हैंं। हमें आत्मावलोकन करना चाहिए कि हम इस संस्कृति को बंद क्यों नहीं कर सकते। हम किसी अन्य स्थान पर इतनी हिंसा नहीं देखते।

    टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा और हत्याओं की उम्मीद नहीं की जाती। बेहतर होता, यदि चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में होते। दुर्भाग्य से कई लोग मारे गए। राजनीतिक हिंसा की संस्कृति खत्म होनी चाहिए। जाने-माने पेंटर व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी शुभप्रसन्ना ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ लोगों से सड़क पर उतरने का आह्वान किया है। वहीं तृणमूल कांग्रेस विधायक चिरंजीत चक्रवर्ती ने भी हिंसा की निंदा की है।

    भाजपा ने कहा-मगरमच्छ के आंसू

    वहीं भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि सौगत राय कभी-कभी टीएमसी की अंतरात्मा की आवाज सुनाने की कोशिश करते हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनके विचारों को उनकी पार्टी में ग्रहण करने वाला कोई नहीं है। ये कुछ और नहीं, बल्कि मगरमच्छ के आंसू हैं। माकपा ने बंगाल में यह संस्कृति शुरू की, और टीएमसी ने इसे परवान चढ़ाया।

    तृणमूल सांसद ने हुमायूं पर साधा निशाना

    हुगली के आरामबाग की तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार ने हुमायूं की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि वह जब हुगली के चंदननगर के सीपी थे, तब चंदननगर के तेलिनीपाड़ा में दंगा हुआ था। यदि उस पर जांच हो तो वह बेनकाब हो जाएंगे। हुगली के चुंचुड़ा के बड़े-बड़े अपराधी उनके संरक्षण में थे। आप अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश न करें। जब आप वामपंथी युग में पुलिस अधिकारी थे तो आपने कई अल्पसंख्यकों की हत्या की