राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल ने अपने चार्टड अकाउंटेंट मनीष कोठारी 15 करोड़ रुपये की कंपनी उनकी बेटी सुकन्या मंडल को महज 3.60 करोड़ रुपये में बेचने के लिए मजबूर किया था। कोठारी ने ईडी की पूछताछ में इसका खुलासा किया है। कोठारी ने कहा कि अनुब्रत के दबाव में उन्हें अपनी कंपनी को पानी के दाम में बेचना पड़ा था।
सीबीआई ने पहले ही किया था खुलासा
सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट में पहले ऐसी ही एक कंपनी के स्थानांतरण का उल्लेख किया गया था। मनीष ने दावा किया है कि सुकन्या के नाम पर स्थानांतरित की गई कंपनी एएनएम एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड असल में उनकी है। उनके अलावा 16 और लोग उस कंपनी के पार्टनर थे।
सीए ने स्वीकार की बात
मनीष ने बताया कि अनुब्रत ने 2018 में उन्हें इस कंपनी को सुकन्या के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया था। उन्होंने सुकन्या के नाम से कंपनी को केवल तीन करोड़ 60 लाख रुपये में बेच दिया था। उस वक्त कंपनी वास्तविक मूल्य15 करोड़ रुपये था। मनीष को उक्त कंपनी की सभी संपत्तियां अनुब्रत की बेटी को सौंपना पड़ा था।
दस्तावेजों को खंगाल रही जांच एजेंसी
अब ईडी मनीष के दावे को सत्यापित करने के लिए संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, सुकन्या ने एएनएम एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड और नीर डेवलपर्स नाम की दो कंपनियां खरीदी थी। कुछ संपत्तियों को दोनों कंपनियों ने भी खरीदा था।
ईडी ने सुकन्या को 20 मार्च को तलब किया है। इस लिहाज से मनीष का नया दावा अहम माना जा रहा है। इस संबंध में सुकन्या से पूछताछ हो सकती है।