संविधान उल्लंघन को लेकर बंगाल विधानसभा में चर्चा के लिए TMC और BJP ने कसी कमर, ममता बनर्जी भी चर्चा में लेंगी भाग
तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार द्वारा कथित संवैधानिक उल्लंघनों व संघवाद पर हमले की निंदा करते हुए बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। सत्तारूढ़ दल की तरफ से खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चर्चा में भाग लेंगी। माना जा रहा है कि ममता सहित तृणमूल के अन्य वरिष्ठ मंत्री व विधायक केंद्र के कथित संविधान विरोधी गतिविधियों को उजागर कर भाजपा को घेरने की कोशिश करेंगे।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 29 नवंबर को कोलकाता में मेगा रैली से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को बंगाल विधानसभा में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में होने वाली चर्चा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व विपक्षी भाजपा का आमना-सामना होगा।
तृणमूल केंद्र सरकार द्वारा कथित संवैधानिक उल्लंघनों व संघवाद पर हमले की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाएगी। इसपर चर्चा के दौरान दोनों दल एक दूसरे को घेरने के लिए कमर कसकर तैयार है।
भाजपा के घेरेंगे तृणमूल के वरिष्ठ मंत्री और विधायक
सत्तारूढ़ दल की तरफ से खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चर्चा में भाग लेंगी। माना जा रहा है कि ममता सहित तृणमूल के अन्य वरिष्ठ मंत्री व विधायक केंद्र के कथित संविधान विरोधी गतिविधियों को उजागर कर भाजपा को घेरने की कोशिश करेंगे।
तृणमूल सूत्रों के अनुसार, 2014 में केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद से किस तरह एक के बाद एक संविधान विरोधी गतिविधियां चल रही है, इसपर प्रकाश डाला जाएगा। इस मुद्दे पर बोलने के लिए पार्टी नेतृत्व ने कई विधायकों को तैयार रहने का पहले ही निर्देश दिया है।
ममता सरकार को घेरने के लिए पूरी रणनीति बना रही भाजपा
दूसरी तरफ राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने भी ममता सरकार को घेरने के लिए पूरी रणनीति बनाई है। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इसको लेकर अपने विधायकों के साथ बैठक कर चर्चा की है कि कैसे ममता सरकार को इस विषय पर घेरा जाए।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस चर्चा में भाजपा की ओर से सुवेंदु के अलावा सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष और आसनसोल से विधायक अग्निमित्रा पाल व अन्य शामिल हो सकते हैं।
निंदा प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया जाएगा
दरअसल, रैली के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद अमित शाह के के आगमन की खबर से उत्साहित भाजपा विधायक विधानसभा में इसकी झलक दिखलाना चाहते हैं। इसलिए भाजपा विधायकों ने फैसला किया है कि जिस भाषा में तृणमूल केंद्र सरकार पर हमला बोलेगी, उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।
बताते चलें कि संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, जो इस वर्ष रविवार को पड़ा। सोमवार को भी सरकारी छुट्टी रही। इसलिए यह निंदा प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया जाएगा। प्रस्ताव पर दो घंटे तक चर्चा होगी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ था।
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