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    समुद्र में समा जाएगा कपिल मुनि मंदिर! क्यों बढ़ रहा है खतरा? एक्सपर्ट्स की मदद लेगी सरकार

    Updated: Mon, 18 Nov 2024 08:00 PM (IST)

    Kapil Muni temple पश्चिम बंगाल के गंगासागर में स्थित कपिल मुनि मंदिर के समुद्र में समाने का खतरा और बढ़ गया है। ऐसे में बंगाल सरकार ने इंडियन इंस्टीट् ...और पढ़ें

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    समुद्र का पानी मिट्टी को ग्रास कर मंदिर की ओर बढ़ता जा रहा है। (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। चक्रवात दाना के बाद गंगासागर स्थित कपिल मुनि मंदिर के समुद्र में समाने का खतरा और बढ़ गया है। समुद्र का पानी मिट्टी को ग्रास कर मंदिर की ओर बढ़ता जा रहा है। दोनों के बीच अब सिर्फ एक किलोमीटर का फासला रह गया है।

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    मिट्टी का कटाव रोकने के लिए बंगाल सरकार अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (आईआईटी) मद्रास व नीदरलैंड के विशेषज्ञों की मदद लेगी। विश्व बैंक भी इसमें आर्थिक सहयोग करेगा। बंगाल के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने गंभीर स्थिति पर जरुरी बैठक करने के बाद इसकी जानकारी दी।

    विशेषज्ञों की मदद लेगी सरकार

    बैठक में सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा, गंगासागर-बकखाली विकास बोर्ड के चेयरमैन श्रीमंत माली समेत जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान मंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की कोताही पर भी नाराजगी जताई। सूत्रों ने बताया कि आईआईटी मद्रास व नीदरलैंड के विशेषज्ञों की टीम जल्द गंगासागर आकर स्थिति की समीक्षा करेगी और उसके अनुसार राज्य सरकार को मिट्टी का कटाव रोकने के प्रभावी उपाय सुझाएगी।

    अगले दो साल में जलसमाधि ले सकता है मंदिर

    स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कपिल मुनि मंदिर अगले दो साल में जलसमाधि ले सकता है। मालूम हो कि इससे पहले तीन मंदिर समुद्र में समा चुके हैं। मंदिर के सीध में सागर तट पर बैरियर का निर्माण किया गया है, लेकिन वह कारगर साबित नहीं हो पा रहा। दाना से पहले चक्रवात यास से भी गंगासागर को काफी नुकसान पहुंचा था।