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    बंगाल की ममता बनर्जी सरकार रोजगार सृजन के लिए उत्कर्ष बांग्ला के तहत छह सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाएंगी

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 08:54 AM (IST)

    उत्कर्ष बांग्ला के तहत छह सेंटर आफ एक्सीलेंस बना रही ममता सरकार बंगाल की ममता बनर्जी सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश आकर्षित करने पर खासा जोर। युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल।

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    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कुछ वर्षों से राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खासा प्रयास में जुटी है।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की ममता बनर्जी सरकार अब रोजगार सृजन के लिए निवेश आकर्षित करने पर खासा जोर रही है। इसके लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के साथ युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर प्रदान करने जैसी पहल कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर छह सेंटर आफ एक्सीलेंस का निर्माण कर रही है। यह परियोजना मुख्य रूप से उत्कर्ष बांग्ला के तहत की जा रही है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

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    उन्होंने बताया कि चाय, सौर ऊर्जा, ई-वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी, सीएनसी प्रिसिशन मशीनिंग और एलिवेटर उद्योग के लिए उत्कृष्टता के इन केंद्रों के निर्माण की पहल की गई है। प्रदेश में युवक-युवतियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ इन सभी क्षेत्रों में शोध कार्य भी होगा। ये सेंटर आफ एक्सीलेंस विभिन्न पालिटेक्निक व आइटीआइ कालेजों में स्थापित किए जाएंगे। कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग पालिटेक्निक में सोलर पावर प्लांट, डायमंड हार्बर में इलेक्ट्रिक कार, हावड़ा के दासनगर में एलिवेटर, कोलकाता के बेहला में आइटी सेंटर और उत्तर बंगाल के नागरकाटा में टी सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।

    अधिकारी ने बताया कि इन केंद्रों का संचालन बंगाल सरकार और उद्योगपतियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कुछ वर्षों से राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खासा प्रयास में जुटी है। मार्च में कोलकाता में दो साल बाद विश्व बांग्ला औद्योगिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें देश-विदेश के कई निवेशकों ने हिस्सा लिया था। इसमें राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव मिलने का भी दावा किया था। बता दें कि 2011 में बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही ममता राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने में जुटी है। 

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