West Bengal: कोरोना संकट के बीच प्रसिद्ध बाबा तारकनाथ मंदिर का पट भक्तों के लिए खुला
कोरोना संकट के बीच बाबा तारकनाथ मंदिर का पट भक्तों के लिए खुला सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक बाबा का दर्शन कर सकेंगे श्रद्घालु कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने के बाद आठ मई से मंदिर कमेटी ने भक्तों के लिए मंदिर बंद कर दिया था।

राज्य ब्यूरो, कोलकता। बंगाल में 16 मई से लागू पूर्ण लॉकडाउन के बाद कोरोना के मामले में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए हुगली जिले के तारकेश्वर स्थित प्रसिद्ध बाबा तारकनाथ के प्राचीन मंदिर के पट को गुरुवार से एक बार फिर भक्तों के लिए खोल दिया गया। हालांकि प्रशासन ने सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक ही भक्तों को मंदिर में जाने की छुट दी है। फिलहाल भक्तों को केवल मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। जहां बाबा तारक नाथ का गर्भगृह है वहां पर श्रद्धालु के जाने पर अभी भी रोक है। साथ ही बाबा का दर्शन करने के इच्छुक सभी श्रद्धालुओं को राज्य सरकार द्वारा तय कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरा पालन करना होगा। इसके बाद ही उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाकर ही भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने को कहा गया है।
मंदिर में आए श्रद्धालु कोरोना विधि का पालन कर रहे हैं या नहीं इसके लिए स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर कमेटी के सदस्य निगरानी करेंगे। मंदिर कमेटी ने इस बाबत जगह-जगह नोटिस भी टांग दिया है, जिसमें सभी से नियमों का पालन करने की अपील की गई है।इधर, सरकारी दिशा- निर्देश को मानते हुए भक्तों ने गुरुवार को मंदिर परिसर में पहुंच कर बाबा का आशीर्वाद लिया।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने के बाद आठ मई से मंदिर कमेटी ने भक्तों के लिए मंदिर बंद कर दिया था। इधर, एक बार फिर मंदिर खुलने की खबर से जहां बाबा के भक्तों में खुशी देखी गई, वहीं यहां के दुकानदारों के चेहरे में भी रौनक देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि हुगली जिले के तारकेश्वर स्थित बाबा तारक नाथ का मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर में बाबा के लिंग को भक्त शक्ति रूप में पूजते हैं। खासकर श्रावण माह में यहां भक्तों व कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ती है।
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