सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल विस चुनाव संपन्न होने तक भारती घोष की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
राहत-पूर्व आइपीएस अफसर को बतौर उम्मीदवार नामांकन और चुनाव प्रचार करने की भी मिली इजाजत। अदालत के आदेश के बाद भारती के विस चुनाव लडऩे का रास्ता साफ। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। दलीलों पर गौर करने के बाद आयोग ने भारती घोष के पक्ष में फैसला सुनाया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक पूर्व आइपीएस अधिकारी व पश्चिम मेदिनीपुर जिले की डेबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी भारती घोष की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अदालत ने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि वह बतौर उम्मीदवार नामांकन और चुनाव प्रचार कर सकेंगी। इससे भारती घोष के चुनाव लडऩे का रास्ता साफ हो गया है।
भारती घोष के खिलाफ 30 एफआइआर दर्ज हैं
गौरतलब है कि भारती घोष के खिलाफ 30 एफआइआर दर्ज हैं। भारती घोष की अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ एक के बाद एक एफआइआर दर्ज किए जा रहे हैं। वह बंगाल सरकार के खिलाफ लड़ाई कर रही हैं इसलिए पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें बार-बार बुलाकर पूछताछ की गई थी। अब उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। उन्हें नामांकन करने से रोकने के लिए यह चाल चली गई है।
आयोग ने भारती घोष के पक्ष में फैसला सुनाया
वहीं बंगाल सरकार की ओर से अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा ने कहा-'हम भारती घोष को गिरफ्तार करना नहीं चाहते। जिस अदालत में उनके खिलाफ मामला चल रहा है, उसी अदालत ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। वह वहां हाजिर नहीं हो रहीं। चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद अब पुलिस राज्य सरकार के हाथों में नहीं बल्कि चुनाव आयोग के नियंत्रण में है। दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद आयोग ने भारती घोष के पक्ष में फैसला सुनाया।