पड़ोसी राज्यों से पुलिस मंगवा सकता है WBSEC, केंद्रीय बलों की पूरी कंपनियों के नहीं आने पर ले सकता है फैसला
राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की पूरी कंपनियों के बंगाल नहीं आने पर पड़ोसी राज्यों से पुलिस बल मंगवा सकता है। चुनाव आयोग ने केंद् ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की पूरी कंपनियों के बंगाल नहीं आने पर पड़ोसी राज्यों से पुलिस बल मंगवा सकता है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 822 कंपनियों की मांग की है। बाकी कंपनियां बंगाल पहुंच चुकी हैं। सोमवार तक और 315 कंपनियों के आने की उम्मीद है। उसके बाद भी 485 कंपनियां बाकी रहेंगी।
पड़ोसी राज्यों से बल मंगवा सकता है चुनाव आयोग
पंचायत चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। आठ जुलाई को मतदान से पहले केंद्रीय बलों की राज्य के 22 जिलों में तैनाती करनी होगी। बाकी कंपनियों के नहीं आने पर चुनाव आयोग पड़ोसी राज्यों झारखंड व ओड़िशा से पुलिस बल मंगवा सकता है। इसपर गहनता से विचार-विमर्श चल रहा है। चुनाव आयोग शुरू से ही केंद्रीय बलों के बदले पड़ोसी राज्यों से पुलिस बल मंगवाने के पक्ष में था। पंचायत चुनाव में बंगाल पुलिस के 60 हजार व कोलकाता पुलिस के 15 हजार पुलिस कर्मी भी ड्यूटी पर रहेंगे।
देश के प्रधान न्यायाधीश को क्यों लिखा गया पत्र?
पंचायत चुनाव के लिए अब तक केंद्रीय बलों की 822 कंपनियों की तैनाती नहीं होने को लेकर माध्यमिक शिक्षक व शिक्षा कर्मी समिति ने देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट व कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की जा रही है।
बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग पर धरना देगा संग्रामी संयुक्त मंच
संग्रामी संयुक्त मंच नामक संगठन पंचायत चुनाव में बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर चार जुलाई से राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय के सामने लगातार धरना देगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की तरफ से जिला प्रशासनों को केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं, उनमें बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती का उल्लेख नहीं है।

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