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    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा- हमेशा मदद करने वाली कांग्रेस को नीचा दिखा रहीं हैं ममता

    नाम लिए बिना जमकर तृणमूल प्रमुख को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कोसा और एहसान फरामोश करार दिया।लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने ममता बनर्जी को संप्रग सरकार में पहचान दी थी बंगाल में 2011 में मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका समर्थन किया था।

    By Priti JhaEdited By: Updated: Mon, 15 Nov 2021 09:40 AM (IST)
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    लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी पर ‘एहसान फरामोश’ होने का आरोप लगाया और दावा किया कि संकीर्ण राजनीतिक मानसिकता के चलते वह कांग्रेस को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही हैं जिसने अतीत में उनका हमेशा समर्थन किया। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने ममता बनर्जी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में पहचान दी थी और  बंगाल में 2011 में मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका समर्थन किया था।

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    गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में बनर्जी रेल मंत्री थीं और जब वह बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं तो कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी पार्टी थी। तेल और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के विरोध में कोलकाता में आयोजित पार्टी की एक रैली में चौधरी ने कहा कि क्या आपको लगता है कि 2011 में बंगाल में तृणमूल के सत्ता में आने में कांग्रेस का कोई योगदान नहीं था?

    क्या आपको लगता है कि गांधी परिवार की आपके राजनीतिक करियर में कोई भूमिका नहीं है? बनर्जी का नाम लिए बिना चौधरी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस को नीचा दिखाकर कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समर्थन के बिना नरेन्द्र मोदी सरकार को सत्ता से हटाने का बनर्जी का सपना सच नहीं होगा। मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर से सांसद चौधरी ने कहा कि क्या आप मोदी को सत्ता से हटाने के लिए गंभीर हैं?

    तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के प्रखर आलोचक चौधरी ने 31 अक्टूबर को भी यह दावा किया था कि कांग्रेस ने हमेशा बनर्जी का समर्थन किया और अब वह भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही हैं। रविवार की रैली में उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में हमारी पार्टी की बार-बार आलोचना करने के बाद हाल में उत्तर भारत के कुछ राज्यों में चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद वह चुप हो गई हैं। देश के लोगों ने तृणमूल को दिखाया है कि वे कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं।