Sourav Ganguly को देखने अस्पताल पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़, रविवार को मिल सकती है अस्पताल से छुट्टी
बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली की हालत एंजियोप्लास्टी के बाद से स्थिर है और उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ शुक्रवार को सौरव को देखने अस्पताल पहुंचे। सौरव की पिछले गुरुवार को 26 दिनों के अंतराल में दूसरी बार एंजियोप्लास्टी हुई थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली की हालत एंजियोप्लास्टी के बाद से स्थिर है और उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ शुक्रवार को सौरव को देखने अस्पताल पहुंचे। बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दादा की हालत स्थिर है और ऐसे ही अनुकूल रही तो रविवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि सौरव ने पिछली रात अच्छी नींद ली। उनके स्वास्थ्य से जुड़े सभी मानक सामान्य हैं। डॉक्टर उनकी सघन जांच करेंगे, जिसके बाद उन्हें अन्य वार्ड में भेजने पर निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि सौरव की पिछले गुरुवार को 26 दिनों के अंतराल में दूसरी बार एंजियोप्लास्टी हुई थी। जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी व अश्विन मेहता की मौजूदगी में सौरव के पारिवारिक चिकित्सक डॉ.आफताब खान ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। उसके बाद से ही सौरव को गहन चिकित्सकीय निरीक्षण में रखा गया है। एंजियोप्लास्टी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सौरव को देखने अस्पताल पहुंची थीं। टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार सौरव की पहली एंजियोप्लास्टी गत दो जनवरी को दिल का हल्का दौरा पडऩे के बाद की गई थी। उनके दिल की तीन धमनियों में अवरोध पाया गया था। उस वक्त एंजियोप्लास्टी कर एक स्टेंट लगाया गया था। बाकी दो धमनियों में कुछ समय बाद स्टेंट लगाने का डॉक्टरों ने निर्णय लिया था।
गत सात जनवरी को सौरव को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और घर पर ही आराम करने की सलाह दी गई थी। सौरव तब से घर पर ही थे। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक गत मंगलवार शाम व बुधवार सुबह सौरव ने फिर सीने में हल्के दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद डॉ.आफताब खान के परामर्श पर सौरव बुधवार को अस्पताल में भर्ती हो गए थे। सौरव को बेहला स्थित उनके घर से अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर तैयार किया गया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।