Single Use Plastic Ban: कोलकाता में अनोखी पहल- अगर आप प्लास्टिक बटोर कर ला सकते हैं, तो मिलेगा अंडा-चावल
कोलकाता के एक सामाजिक संगठन ने प्लास्टिक के ढेर को हटाने के लिए की अनोखी पहल। अगर आप 500 ग्राम प्लास्टिक बटोर कर ला सकते हैं तो अंडा-चावल मिलेगा। कोलकाता के विभिन्न बाजार क्षेत्रों में माइकिंग कर अभियान जोरों पर है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य में 75 माइक्रोन के सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन निगरानी कब तक चलेगी? शहर में पड़े प्लास्टिक के ढेर को कौन हटाएगा? इस दिशा में कोलकाता के एक सामाजिक संगठन के सदस्यों ने एक अभिनव पहल की है। अगर आप 500 ग्राम प्लास्टिक बटोर कर ला सकते हैं तो अंडा-चावल मिलेगा।
कोलकाता के विभिन्न बाजार क्षेत्रों में माइकिंग कर अभियान जोरों पर है। सामाजिक संगठन के सदस्य अंडा-चावल की पन्नी लेकर घूम रहे हैं। इतना ही नहीं खुली सड़क पर या सीवर में अगर प्लास्टिक दिखने पर संस्था के सदस्य खुद उठा रहे हैं। इस पहल को देखने के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं। कुछ लोग प्लास्टिक के खाने के पैकेट भी ले जा रहे हैं। सामाजिक संगठन के सदस्य दक्षिण कोलकाता के लेक मार्केट के सामने प्रचार कर रहे हैं।
स्थानीय पार्षद ने उनकी पहल की सराहना की है। प्रचार वाहनों के सामने कपड़े के थैले भी बांटे गए हैं। नगर एवं शहरी विकास विभाग ने एक जुलाई से राज्य में 75 माइक्रोन प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। बाजार में सब्जी या मछली खरीदते समय दुकानदार यह प्लास्टिक देते हैं। अब से इस प्लास्टिक को देने पर दुकानदार पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। खरीदार पर 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दूसरी ओर सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्रियों की बिक्री व उपयोग पर लगे पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से जगह-जगह प्रतिबंधित सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। जहां पालिथीन की बिक्री के साथ ही उसमें सब्जी रखकर दी जा रही है, वहीं अन्य बाजारों में भी चोरी छिपे बिक्री की जा रही है।
पर्यावरण संतुलन के लिए एक जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक सामग्रियों की बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसका शत-प्रतिशत पालन कराने को लेकर शासन के निर्देश पर अभियान चलाकर न केवल दुकानदारों, बल्कि आम नागरिकों को भी जागरूक किया गया था। हालांकि इसके बाद भी ऐसी प्लास्टिक सामग्रियों का धड़ल्ले से जगह-जगह न सिर्फ उपयोग हो रहा, बल्कि बिक्री भी की जा रही है।
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