बांग्लादेशी कट्टरपंथी समूह कर रहा बंगाल में घुसने की कोशिश, युवाओं को स्लीपर सेल में शामिल करने का था प्लान
खुफिया जानकारी के अनुसार बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) बंगाल के सात जिलों में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मॉड्य ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) द्वारा बंगाल के सात जिलों में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मॉड्यूल स्थापित करने की योजना के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय और राज्य दोनों एजेंसियों के सुरक्षा और खुफिया नेटवर्क हाई अलर्ट पर हैं।
सूत्रों ने बताया कि दो चरणों में मॉड्यूल बनाने की योजना के बारे में खुफिया जानकारी मुख्य रूप से हाल ही में गिरफ्तार किए गए जेएमबी के तीन सहयोगियों से पूछताछ के जरिए जुटाई गई थी।
पिछले महीने दो लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
पिछले महीने दो लोगों अजमल हुसैन और साहेब अली खान को बीरभूम से पकड़ा गया था। वहीं, एक को दक्षिण 24 परगना से गिरफ्तार किया गया जिसका नाम अबासुद्दीन मोल्ला है।
सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में बांग्लादेशी कट्टरपंथी समूह ने इस मॉड्यूल निर्माण के लिए मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर के तीन जिलों को निशाना बनाया था। इन तीन जिलों में प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके अगले चार लक्ष्य उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नादिया और बीरभूम जिले थे। योजना इस तरह से बनाई गई थी कि यह उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के सबसे संवेदनशील इलाकों को कवर करे। उत्तर दिनाजपुर और मालदा जिले राज्य के उत्तरी क्षेत्र में स्थित हैं, जबकि अन्य पांच जिले दक्षिणी क्षेत्र में हैं।
सीबीआई जांच में हुए कई बडे़ खुलासे
बीरभूम को छोड़क़र अन्य सभी छह जिलों की बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं हैं। हालांकि, बीरभूम की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है, लेकिन यह मुर्शिदाबाद के माध्यम से दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के रूप में कार्य करता है। याद दिला दें कि करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई की जांच से पता चला है कि उस घोटाले में बीरभूम मुर्शिदाबाद के माध्यम से बांग्लादेश जाने के मुख्य पारगमन मार्ग के रूप में काम करता था।
युवाओं को स्लीपर सेल में शामिल करना था
- मॉड्यूल बनाने का तरीका सबसे पहले नाबालिगों सहित युवाओं का ब्रेनवॉश करना और बाद में उन्हें स्लीपर सेल में शामिल करना था। पुलिस ने इनमें से कुछ युवकों के बारे में जानकारी हासिल की है, जिन्हें गिरफ्तार किए गए तीन जेएमबी कार्यकर्ताओं ने निशाना बनाया था।
- जांच अधिकारी इस महीने की शुरुआत में बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार किए गए जेएमबी के तीन भारतीय सहयोगियों में से एक अबसुद्दीन मोल्ला के पाकिस्तान संबंधों का पता लगाने में सक्षम रहे हैं।
- जांचकर्ताओं के निष्कर्षों के अनुसार, अजमल हुसैन और साहेब अली खान के मोबाइल फोन से बरामद कोडित संदेशों से पता चला है कि उनके बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी संगठनों जेएमबी, हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सहयोगियों के साथ संबंध हैं।
- हालांकि, मोल्ला के मोबाइल फोन से बरामद इसी तरह के कोडित संदेशों से पता चला है कि वह पाकिस्तान के कुछ व्यक्तियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर स्थित कट्टरपंथी समूह अंसार गजवत-उल-हिंद के कुछ सहयोगियों के साथ नियमित रूप से संवाद करता था।

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