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    संदेशखाली हिंसा की जांच अब CBI के हाथ में, शाहजहां शेख के खिलाफ दर्ज की FIR; बीजेपी कार्यकर्ताओं की हुई थी हत्या

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 11:06 AM (IST)

    पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में 2019 में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने एसआईटी गठित की है। अदालत ने पुलिस पर मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पीड़ितों के परिवारों ने सीबीआई जांच की मांग की थी।

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    संदेशखाली में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच करेगी सीबीआई। (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, पीटीआई। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में 2019 के चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई थी। अब इस मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले ली है और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। संदेशखाली हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता प्रदीप मंडल, देवदास मंडल और सुकांत मंडल की हत्या कर दी गई थी।

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    अधिकारियों ने शनिवार (05 जुलाई, 2025) को बताया कि एजेंसी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद 30 जून को एफआईआर दर्ज की है। जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मामले की अत्यंत गंभीरता से जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि जांच की निगरानी एक संयुक्त निदेशक की ओर से की जानी चाहिए।

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्या कहा?

    जस्टिस सेनगुप्ता ने जांच सीबीआई को सौंपते हुए कहा, "मौजूदा मामले में भी, जिसमें और भी गंभीर आरोप हैं, मैं पाता हूं कि पुलिस विभिन्न चरणों में मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही, जिससे न्याय की घोर विफलता हुई। इसलिए, जांच की बागडोर फिर से उन्हें सौंपना न्याय के हित में नहीं होगा।"

    उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी आरोपी शेख के खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं, तो राज्य पुलिस "ढुलमुल रवैया अपनाती है, चाहे वह ईडी अधिकारियों के खिलाफ भीड़ की हिंसा का मामला हो या मौजूदा मामला हो।" उन्होंने कहा, "इसमें स्थानीय पुलिस (जैसा कि पहले मामले में था) या सीआईडी ​​(जैसा कि वर्तमान मामले में है) के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता है।"

    पीड़ित परिवारों ने की थी सीबीआई जांच की मांग

    इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी ​​ने की थी। बाद में पीड़ितों के परिवारों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। प्रदीप मंडल, देवदास मंडल और सुकांत मंडल संदेशखली गांव में कथित तौर पर एक हमले के बाद मृत पाए गए थे। इसका आरोप पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर लगा था।

    इसके बाद शाहजहां शेख को 5 जनवरी, 2024 को उनके संदेशखली स्थित घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में है।

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