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    बंगाल के राज्यपाल के गोपनीय पत्रों को लेकर गहराया रहस्य, राजभवन और राज्य सचिवालय दोनों ही इसे लेकर हैं मौन

    बंगाल के राज्यपाल डा. सीवी आनंद बोस के गोपनीय पत्रों को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है। न तो राजभवन और न ही राज्य सचिवालय की ओर से इसे लेकर अब तक कोई पर्दाफाश किया गया है। राज्यपाल ने शनिवार सुबह एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में कहा था-आधी रात तक का इंतजार कीजिए। आप देखेंगे कि क्या कार्रवाई होती है।

    By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 10 Sep 2023 09:40 PM (IST)
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    पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के गोपनीय पत्र पर राजभवन और राज्य सचिवालय मौन। फाइल फोटो ।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल डा. सीवी आनंद बोस के गोपनीय पत्रों को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है। न तो राजभवन और न ही राज्य सचिवालय की ओर से इसे लेकर अब तक कोई पर्दाफाश किया गया है। केंद्र सरकार का भी अभी तक कोई बयान नहीं आया है। शनिवार आधी रात को यह बात सामने आई थी कि राज्यपाल ने दो गोपनीय पत्र लिखे हैं। एक पत्र बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दूसरा दिल्ली भेजा गया है। दोनों पत्र मुहरबंद हैं।

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    राज्यपाल ने क्या कहा?

    राज्यपाल ने इन पत्रों में क्या लिखा है, इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ का कहना है कि दिल्ली भेजे गए पत्र में बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति और मुख्यमंत्री के पास भेजे गए पत्र में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की शिकायत की गई है। राज्यपाल ने शनिवार सुबह एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में कहा था-'आधी रात तक का इंतजार कीजिए। आप देखेंगे कि क्या कार्रवाई होती है।' उसके बाद रात 12 बजे के करीब राजभवन सूत्रों ने इन गोपनीय पत्रों की जानकारी दी।

    निशाचर जैसा आचरण कर रहे हैं राज्यपाल: कुणाल

    तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्यपाल रात में जागना चाहते हैं इसलिए निशाचर जैसा आचरण कर रहे हैं। दरअसल ब्रात्य बसु ने उनकी नीद उड़ा दी है। वहीं, बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्यपाल अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं, जिन्होंने चोरी की है, उन्हीं को राज्यपाल का डर सता रहा है।

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    भाजपा ने क्या कहा?

    भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य से गोपनीय पत्रों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-'मैं राजभवन का प्रवक्ता नहीं हूं इसलिए मुझे उन पत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हमारे यहां मध्यरात्रि का विशेष महत्व है। हमें स्वतंत्रता भी मध्यरात्रि को ही मिली थी।' दूसरी तरफ बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने गोपनीय पत्रों को लेकर राज्यपाल को 'विदूषक' कहा है।

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