जागरण संवाददाता, खड़गपुर । खड़गपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर लंबे समय से बजाए जा रहे विज्ञापन जिंगल आखिरकार बंद कर दिए गए हैं। यात्रियों की लगातार शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे प्रशासन ने यह अहम निर्णय लिया है।
रेलवे के इस कदम से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है और स्टेशनों पर अब अपेक्षाकृत शांत वातावरण देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ समय से यात्रियों द्वारा रेलवे को विभिन्न माध्यमों से शिकायतें भेजी जा रही थीं।
यात्रियों का कहना था कि स्टेशनों पर लगातार बजने वाले विज्ञापन जिंगल न केवल मानसिक परेशानी का कारण बन रहे थे, बल्कि कई बार जरूरी रेलवे घोषणाएं भी स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं देती थीं। खासकर ट्रेन के आगमन, प्रस्थान और प्लेटफॉर्म परिवर्तन से जुड़ी सूचनाएं विज्ञापनों के शोर में दब जाती थीं।
कई यात्रियों ने यह भी शिकायत की थी कि आवश्यक घोषणाएं ठीक से सुनाई नहीं देने के कारण उनकी ट्रेन तक छूट गई। इससे यात्रियों को समय, धन और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।
शिकायतों की संख्या बढ़ने के बाद रेलवे अधिकारियों ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया। सूत्रों के अनुसार, रेलवे प्रशासन ने विज्ञापन जिंगल प्रसारण से जुड़े टेंडर की विस्तृत समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि विज्ञापन जिंगल यात्रियों की सुविधा के बजाय परेशानी का कारण बन रहे हैं। इसके बाद रेलवे ने जनहित और यात्रियों की सुविधा को सर्वोपरि मानते हुए संबंधित विज्ञापन टेंडर को तत्काल प्रभाव से रद करने का निर्णय लिया।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस निर्णय के बाद अब स्टेशनों पर केवल ट्रेन के आगमन, प्रस्थान, प्लेटफॉर्म नंबर, सुरक्षा और अन्य जरूरी रेलवे घोषणाएं ही प्रसारित की जा रही हैं। विज्ञापन जिंगल बंद होने से स्टेशनों पर शोर-शराबे में उल्लेखनीय कमी आई है और घोषणाएं अब साफ और स्पष्ट रूप से सुनाई दे रही हैं।
रेलवे के इस फैसले का यात्रियों और स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। यात्रियों का कहना है कि यह निर्णय उनकी सुविधा और मानसिक शांति को ध्यान में रखकर लिया गया है।
कई यात्रियों ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी रेलवे ऐसे मामलों में यात्रियों की राय को प्राथमिकता देगा। स्थानीय लोगों का भी मानना है कि रेलवे स्टेशनों का उद्देश्य यात्रियों को सही समय पर सही जानकारी देना है, न कि विज्ञापनों के माध्यम से शोर बढ़ाना। विज्ञापन जिंगल बंद होने से स्टेशन परिसर अधिक अनुशासित और यात्रियों के अनुकूल बन गया है।
रेलवे प्रशासन की ओर से संकेत दिए गए हैं कि आगे भी यात्रियों से जुड़ी समस्याओं पर इसी तरह त्वरित निर्णय लिए जाएंगे, ताकि यात्रा अनुभव को और बेहतर बनाया जा सके।
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