सुवेंदु अधिकारी की विरोध की शैली को लेकर BJP में उठ रहे सवाल, दिलीप घोष ने कही ये बात
West Bengal Politics भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के विरोध की शैली को लेकर पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं। पार्टी नेता दिलीप घोष ने कहा कि राज्य में दो लोगों और दो परिवारों के बीच लड़ाई को छोड़कर और कुछ नहीं है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायक व पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के विरोध की शैली को लेकर अब उनकी पार्टी में ही सवाल उठने लगे हैं। बंगाल भाजपा के एक वर्ग का कहना है कि सुवेंदु का निशाना सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर रहता है। अभिषेक जहां भी सभा करते हैं, सुवेंदु उसके बाद वहां जवाबी सभा करने में लग जाते हैं। उनके बयान की 80 प्रतिशत बातें अभिषेक के खिलाफ होती हैं।
इस वर्ग का ये भी मानना है कि विरोध सत्ताधारी पार्टी का किया जाना चाहिए, न कि उसके किसी एक नेता पर निशाना साधा जाना चाहिए। सुवेंदु व्यक्ति विशेष पर आक्रमण की राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी को कोई फायदा नहीं होने वाला।
राजनीति को नाटक में बदलने का मतलब नहीं- दिलीप घोष
इस वर्ग में शामिल बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जिस तरह से प्रचार चल रहा है, उसे देखकर यही लगता है कि राज्य में दो लोगों और दो परिवारों के बीच लड़ाई को छोड़कर और कुछ नहीं है। राजनीति राज्य के 10 करोड़ लोगों को लेकर है। इस तरह से ही सोचा जाना चाहिए। राजनीति को नाटक में बदलने का कोई मतलब नहीं है।
सुवेंदु अधिकारी ने दिया जवाब
दूसरी तरफ सुवेंदु का कहना है कि अभिषेक उनके प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं क्योंकि वे जिसकी (मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी) रोशनी से आलोकित हो रहे हैं, उन्हें उन्होंने हराया है। बात दरअसल यह है कि वे जहां भी सभा करते हैं, तृणमूल की ओर से वहां जवाबी सभा का आयोजन किया जाता है। मैंने नदिया जिले के राणाघाट में सभा की तो तृणमूल ने भी वहां सभी की। ऐसा ही कोलकाता के हाजरा इलाके में भी देखने को मिला।
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