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    नागरिक सेवाओं में विफलता पर पुरुलिया नगर पालिका बोर्ड भंग, एसडीओ को सौंपी गई प्रशासक की जिम्मेदारी

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 11:21 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल सरकार ने पुरुलिया नगर पालिका बोर्ड को भंग कर दिया है, जिसका कारण नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में विफलता बताई गई है। एसडीओ उत्पल ...और पढ़ें

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    पुरुलिया नगर पालिका की तस्‍वीर।

    जागरण संवाददाता, पुरुलिया। पश्चिम बंगाल सरकार के नगर एवं नगरपालिका विकास विभाग ने पुरुलिया नगर पालिका के तृणमूल कांग्रेस-परिचालित बोर्ड को भंग कर दिया है। इसके साथ ही एसडीओ (पुरुलिया सदर) उत्पल कुमार घोष को नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त किया गया है। 
     
    यह आदेश 16 दिसंबर को जारी किया गया, जिसके बाद नगर पालिका का संचालन अब प्रशासक के माध्यम से किया जाएगा। जिला प्रशासन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नगर एवं नगरपालिका विकास विभाग ने कुछ दिन पहले पुरुलिया नगर पालिका के चेयरमैन नवेंदु माहाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 
     
    नोटिस में आरोप लगाया गया था कि नगर पालिका नागरिकों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है। विशेष रूप से नियमित पेयजल आपूर्ति में गंभीर लापरवाही, नगर क्षेत्र में समुचित सफाई व्यवस्था का अभाव और बुनियादी सुविधाओं के रखरखाव में कमी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया था। 
     
    विभाग ने नोटिस के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया था कि क्यों न पुरुलिया नगर पालिका बोर्ड को भंग कर दिया जाए। इसके लिए सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। 
     
    चेयरमैन नवेंदु माहाली ने व्यक्तिगत रूप से विभाग को अपना जवाब भेजा, लेकिन विभाग ने उस जवाब को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद विभाग की ओर से निर्देश दिया गया कि बोर्ड की बैठक बुलाकर सामूहिक रूप से जवाब प्रस्तुत किया जाए।
     
    निर्देश के अनुपालन में नगर पालिका ने बोर्ड मीटिंग आयोजित कर दोबारा जवाब भेजा, लेकिन विभाग इससे भी संतुष्ट नहीं हुआ। अंततः सभी तथ्यों और प्रस्तुत जवाबों की समीक्षा के बाद नगर एवं नगरपालिका विकास विभाग ने 16 दिसंबर को पुरुलिया नगर पालिका बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया। 
     
    अब एसडीओ (पुरुलिया सदर) उत्पल कुमार घोष प्रशासक के रूप में नगर पालिका के सभी प्रशासनिक और विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि प्रशासक के नेतृत्व में नागरिक सेवाओं को सुधारने और बुनियादी सुविधाओं को सुचारु करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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