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बंगाल में पूर्व सेना प्रमुख जनरल केएस थिमैय्या के सम्मान में डाक टिकट जारी, भारतीय सेना का किया था नेतृत्व

सेना के पूर्वी कमान ने डाक विभाग के सहयोग से शनिवार को पूर्व सेना प्रमुख जनरल केएस थिमैय्या पद्म भूषण के देश के लिए विशिष्ट सेवा के स्मरण व उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया। फोटो- पीटीआई।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 04 Feb 2023 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 11:51 PM (IST)
बंगाल में पूर्व सेना प्रमुख जनरल केएस थिमैय्या के सम्मान में डाक टिकट जारी, भारतीय सेना का किया था नेतृत्व
बंगाल में पूर्व सेना प्रमुख जनरल केएस थिमैय्या के सम्मान में डाक टिकट जारी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सेना के पूर्वी कमान ने डाक विभाग के सहयोग से शनिवार को पूर्व सेना प्रमुख जनरल केएस थिमैय्या, पद्म भूषण के देश के लिए विशिष्ट सेवा के स्मरण व उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया। कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्वी आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कोलकाता में डाक विभाग और सेना डाक सेवा कोर द्वारा जारी इस डाक टिकट का अनावरण किया और फ‌र्स्ट डे कवर पर हस्ताक्षर किए।

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आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना रहेगा उनकी स्वर्णिम योगदान

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, चार और आठ कुमाऊं रेजिमेंट के वर्तमान और पूर्व कमांडिंग अधिकारियों व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसे जारी किया गया। जनरल थिमैय्या ने 1926 में चार फरवरी के ही दिन कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया था। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने भारतीय सेना व देश के लिए जनरल थिमैय्या के स्वर्णिम योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेगा।

भारत सरकार ने श्रद्धांजलि देते हुए जारी किया डाक टिकट

कलिता ने कहा-'आज हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब भारत सरकार हमारे पूर्व जनरल को श्रद्धांजलि देते हुए डाक टिकट जारी कर रही है। थिमैय्या मजबूत इरादे वाले एक कुशल सैनिक नेता थे, जो सेना के मूल सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करते हुए सबसे आगे रहकर सेना का नेतृत्व करने में विश्वास करते थे। हम सभी उनकी वीरता की कहानियां, किस्से और सैन्य पराक्रम की गाथाएं सुनते हुए बड़े हुए हैं। जनरल थिमैय्या ने मई, 1957 से मई, 1961 तक सेना प्रमुख के रूप में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में वे एकमात्र भारतीय कमांडर थे, जिन्होंने एक ब्रिगेड का नेतृत्व किया था। जनरल थिमैय्या का व्यक्तित्व व हर एक सिद्धांत हम सभी के लिए अनुकरणीय है और राष्ट्र के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।'

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