Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    LAC Clash: 'अरुणाचल के तवांग में पवित्र जलप्रपात के पास निगरानी चौकी स्थापित करने की योजना बना रही थी पीएलए'

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 14 Dec 2022 06:41 PM (IST)

    गलवान की तरह चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांग्स्ते में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक निगरानी चौकी (ओपी) स्थापित करने की योजना बना रही थी जब भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें वहां से भगाया।

    Hero Image
    'अरुणाचल के तवांग में पवित्र जलप्रपात के पास निगरानी चौकी स्थापित करने की योजना बना रही थी पीएलए'

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। गलवान की तरह, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांग्स्ते में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक निगरानी चौकी (ओपी) स्थापित करने की योजना बना रही थी, जब भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें वहां से भगाया। इस बात का खुलासा अरुणाचल प्रदेश में तैनात सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है। निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी ओपी या इसी तरह का ढांचा एलएसी के पास किसी भी ओर से स्थापित नहीं कर सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत की तैयारी पर चीन की नजर

    जानकारी के अनुसार, एलएसी के पास पहले से ही काफी ठंड है। अगले कुछ हफ़्तों के भीतर एलएसी के करीब के सभी क्षेत्र कई फीट बर्फ से ढक जाएगा। भारतीय पक्ष से सीमा के अग्रीम पोस्ट पर पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए अंतिम तैयारी की जा रही है। साथ ही बहुत अधिक सैन्य टुकड़ी भी है। सैन्य अधिकारी ने कहा कि पीएलए निश्चित रूप से सर्दियों के लिए हमारी तैयारियों के बारे में अधिक जानने के लिए इच्छुक है, इसलिए उन लोगों ने ओपी स्थापित करने का निर्णय लिया था। जबकि पीएलए के पास निगरानी कैमरे हैं, वे एलएसी से कुछ दूरी पर हैं। ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाता है लेकिन एक प्रत्यक्ष दृश्य हमेशा ही अगली रणनीति बनाने के लिए अच्छा माना जाता है।

    गालवान में भारतीय सेना ने पीएलए का ओपी किया था ध्वस्त

    बता दें कि गालवान में भारतीय सेना द्वारा एक ओपी को ध्वस्त करने के बाद ही पीएलए के साथ संघर्ष शुरू हो गया था, क्योंकि चीनियों ने वहां से हटने से इनकार कर दिया था। त्सेचु के स्थानीय लोग, उस बिंदु के सबसे करीब का एक छोटा सा शहर है जहां शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिक भिड़े थे, क्षेत्र की शांति भंग करने के लिए पीएलए से बेहद नाखुश हैं। यह चूमी ग्यात्से से बमुश्किल कुछ सौ मीटर की दूरी पर हुआ, एक जलप्रपात (108 छोटे झरनों का समूह) जिसे एलएसी के दोनों ओर से हमारे मोनपाओं (अरुणाचल प्रदेश का एक जन समुदाय) द्वारा पवित्र माना जाता है।वहां रहने वाले लोगों में से एक ने कहा कि भारतीय सेना हमारी भावनाओं का सम्मान करती है और कभी भी इस स्थान की पवित्रता को भंग करने के लिए कुछ नहीं करती है। यह दूसरी बार है जब पीएलए ने यहां हंगामा किया है।

    भारत ने सीमा के पास बुनियादी ढांचे किए निर्माण

    पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश सरकार की मदद से उस क्षेत्र में बहुत सारे बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। इससे जहां स्थानीय लोगों को मदद मिली है, वहीं सीमा पर सैनिकों और उपकरणों की तेज और आसान आवाजाही में भी मदद मिली है। सेना अधिकारी ने कहा कि जैसे ही हमें पता चला कि पीएलए एलएसी की ओर बढ़ रही है, हमें पता था कि कैसे प्रतिक्रिया देनी है। वे ओपी स्थापित करने के लिए ऊंचे स्थान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हमने उन्हें रोक दिया और उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। चीनी कहते रहे कि पूरा क्षेत्र उनका है लेकिन हमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। हमारे कुछ सैनिकों को लगी चोटें मामूली हैं।

    ये भी पढ़ें: Fact Check: अवैध कब्जे गिराने की कार्रवाई के दौरान छत पर चढ़े बुजुर्ग का यह वीडियो हरियाणा का है, पंजाब का नहीं

    ये भी पढ़ें: फ्यूजन से ऊर्जा मिलने का पहली बार सफल प्रयोग, पर इससे बिजली बनने में लगेंगे कई साल