Pahalgam Terror Attack: मैं मुसलमान हूं...अच्छा, फिर कलमा पढ़ो; नहीं पढ़ पाए तो आतंकियों ने पत्नी और बच्चे के सामने मार दी गोली
अमेरिका के फ्लोरिडा में काम करने वाले आइटी पेशेवर बितान इसी महीने छुट्टियों में घर आए थे तथा अपनी पत्नी सोहिनी और बच्चे के साथ कश्मीर घूमने गए थे। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी जिसमें बंगाल के तीन लोग शामिल हैं। बितान के पड़ोसियों के मुताबिक अधिकारी परिवार 16 अप्रैल को कश्मीर गया था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पहलगाम आतंकी हमले में कोलकाता के पाटुली वैष्णवघाटा इलाके के रहने वाले बितान अधिकारी (36) की भी मौत हो गई। अपनी जान बचाने के लिए बितान ने खुद को आतंकियों से झूठ बोला।
धर्म पूछने पर आतंकियों से उन्होंने कहा कि वह मुसलमान हैं। इसके बाद आतंकियों ने उनको कलमा पढऩे के लिए कहा। जब वह कलमा नहीं बढ़ पाए तो आतंकियों ने उनकी पत्नी और तीन साल के बेटे के सामने उनको गोली मार दी। वहीं, पत्नी व बेटे सुरक्षित हैं।
अमेरिका से छुट्टी मनाने कश्मीर आए थे बितान
अमेरिका के फ्लोरिडा में काम करने वाले आइटी पेशेवर बितान इसी महीने छुट्टियों में घर आए थे तथा अपनी पत्नी सोहिनी और बच्चे के साथ कश्मीर घूमने गए थे। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी, जिसमें बंगाल के तीन लोग शामिल हैं। बितान के पड़ोसियों के मुताबिक, अधिकारी परिवार 16 अप्रैल को कश्मीर गया था और 24 अप्रैल को वापस कोलकाता लौटने वाले थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बितान की पत्नी से फोन पर बात की और अपनी संवेदना जताते हुए शोक संतप्त परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इससे पहले बंगाल के वरिष्ठ मंत्री अरूप विश्वास ने बुधवार की सुबह बितान अधिकारी के घर जाकर उनके भाई और अन्य स्वजनों से मुलाकात की।
आठ अप्रैल को अमेरिका से कोलकाता लौटे थे बितान
उनके चचेरे भाई दीपक अधिकारी ने रोते हुए कहा कि बितान आठ अप्रैल को अमेरिका से कोलकाता लौटे थे। 15 अप्रैल को बंगाली नववर्ष पर, हम जश्न मनाने के लिए बाहर गए थे और 16 अप्रैल को वे (बितान) कश्मीर के लिए रवाना हुए। उन्होंने मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया। हम रोज बात करते थे और मैं बार-बार उनसे कहता था कि वे घुड़सवारी पर न जाएं।
पहलगाम आतंकी हमले से लोगों में भारी गुस्सा और रोष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है और सिलीगुड़ी में भी इस कायरतापूर्ण घटना के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा गया। शहरवासियों ने हिंदू संगठनों, सामाजिक समूहों और राजनीतिक दलों के नेतृत्व में रैलियां, मशाल जुलूस, पुतला दहन और श्रद्धांजलि सभाओं के माध्यम से अपना विरोध दर्ज किया। सभी की एक ही मांग है कि आतंकियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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