पद्मश्री विजेता स्वामी प्रदीप्तानंद पर रेप का आरोप, पीड़िता बोली- नौकरी दिलाने के नाम पर किया कई बार दुष्कर्म
एक महिला ने पद्मश्री से सम्मानित स्वामी प्रदीप्तानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है जिन्हें कार्तिक महाराज के नाम से भी जाना जाता है। महिला का कहना है कि 2013 से नौकरी के बहाने उसका कई बार शोषण किया गया। स्वामी प्रदीप्तानंद ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। एक महिला ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित साधु स्वामी प्रदीप्तानंद, जिन्हें कार्तिक महाराज के नाम से जाना जाता है, पर आरोप लगाया है कि उन्होंने स्कूल में नौकरी दिलाने के बहाने 2013 से कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया है।
राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में भारत सेवाश्रम संघ की बेलडांगा इकाई से जुड़े साधु ने इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। स्वामी प्रदीप्तानंद को इसी साल पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। महिला ने मुर्शिदाबाद जिले के नबग्राम थाने में कार्तिक महाराज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।
नौकरी के नाम पर रेप का आरोप
महिला ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसकी स्वामी प्रदीप्तानंद से मुलाकात 2012 में हुई थी। आश्रम के एक स्कूल में नौकरी दिलाने का वादा कर उसे 2013 में स्कूल के हॉस्टल में रखा गया। महिला ने कहा कि स्वामी प्रदीप्तानंद उसे हर रोज बिल्डिंग की 5वीं मंजिल पर ले जाकर रेप करते थे।
महिला ने आरोप लगाया कि उसे स्वामी प्रदीप्तानंद ने अपने आश्रम में 5 दिन तक रखा और इस दौरान भी कई बार उसका रेप किया। जब वह गर्भवती हो गई, तो एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाकर उसका गर्भपात करा दिया गया। विरोध करने पर उसे धमकाया गया। इसके बाद उन्होंने उसे घर लौट जाने को कहा था और हर महीने रुपये भेजने की बात कही थी।
कार्तिक महाराज का आरोपों से इनकार
महिला ने कहा कि मैंने नौकरी मिलने का इंतजार किया, लेकिन इसकी जगह मेरा शोषण होता रहा। इस कारण मैं मानसिक रूप से टूट गई थी। 13 जून को मुझे दो लोग मिलने आए और गाड़ी में बैठने के बाद उन्होंने कहा कि मैं स्वामी प्रदीप्तानंद से संपर्क न करूं। इसके बाद मुझे गाड़ी से धक्का दे दिया गया।
महिला के आरोप पर कार्तिक महाराज, जो भारत सेवाश्रम संघ की बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बेलडांगा इकाई से जुड़े हुए हैं, ने कहा- 'यह पूरी तरह से आधारहीन है। हमारे आश्रम में महिलाओं का माताओं की तरह सम्मान किया जाता है। समय आने पर सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।'
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