Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब बंगाल में 35 प्रतिशत अंक के साथ भी की जा सकेगी विज्ञान की पढ़ाई

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jun 2022 12:49 PM (IST)

    West Bengal Secondary Board of Education माध्यमिक परीक्षा में 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर भी अब विज्ञान लेकर आगे पढ़ाई की जा सकेगी। शिक्षा विभाग ने ...और पढ़ें

    Hero Image
    -शिक्षा विभाग ने नियमों में दी ढील। सांकेतिक तस्‍वीर ।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Secondary Board of Education: माध्यमिक परीक्षा में 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर भी अब विज्ञान लेकर आगे पढ़ाई की जा सकेगी। शिक्षा विभाग ने नियमों में ढील दी है। पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शुक्रवार को माध्यमिक के नतीजों की घोषणा होने के बाद इस बाबत अधिसूचना जारी की। भौतिक विज्ञान, रसायन, गणित और जीवन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और अन्य विज्ञान आधारित विषयों की पढ़ाई के लिए न्यूनतम अंक को 45 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है। इसकी वजह बड़ी संख्या में छात्रों को अपनी इच्छानुसार अध्ययन करने का अवसर प्रदान करना है। पहले  विज्ञान से संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए उनमें 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य था। विज्ञान के साथ-साथ भूगोल के मामले में भी यह संख्या 45 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दी गई है। परिषद की ओर से प्रभारी सचिव तापस कुमार मुखर्जी ने अधिसूचना जारी की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूसरी तरफ कुछ शिक्षक संगठन इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह से राज्य के शिक्षा क्षेत्र को बरबाद किया जा रहा है। बंगाल टीचर्स एंड एजुकेटर्स एसोसिएशन के महासचिव स्वपन मंडल ने कहा-'उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दो निर्णय लिए हैं। पहला, विज्ञान की पढ़ाई 35 प्रतिशत अंक मिलने पर भी हो सकेगी। इसके अलावा स्कूलों में सीटों की संख्या 265 से बढ़ाकर 400 कर दी गई है। ये दोनों फैसले बेहद नकारात्मक हैं। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सहायक नहीं होगा। आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में हाई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। शिक्षक संगठनों के अनुसार हर हाई स्कूल में शिक्षकों की कमी है। स्कूलों के लिए इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को अध्ययन कराना आसान नहीं होगा। सरकार को उच्च माध्यमिक स्तर पर नए शिक्षक पद सृजित करने चाहिए। कोरोना ने शिक्षा व्यवस्था और छात्रों को काफी नुकसान पहुंचाया है।