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    बंगाल में चलेगा बुलडोजर, कलकत्‍ता हाई कोर्ट ने दिया अवैध ईंट भट्ठों को तोडऩे का आदेश

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jun 2022 07:43 PM (IST)

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नदी किनारे व नदी पर बने टीले पर चल रहे सभी अवैध ईंट भट्ठों को तोडऩे का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार चाहे तो इन्हें तोडऩे में आने वाला खर्च उन ईंट भट्ठा मालिकों से ले सकती है।

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    बंगाल में नदी किनारे चल रहे सभी ईंट-भट्ठें तोड़े जाएंगे। सांकेतिक तस्‍वीर।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने राज्य सरकार को नदी किनारे व नदी पर बने टीले पर चल रहे सभी अवैध ईंट भट्ठों (Brick-klin) को तोडऩे का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश भारद्वाज और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने आज बुधवार (15 जून) को यह फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के महिषादल ब्लाक में रूपनारायण नदी के किनारे गैरकानूनी तरीके से ईट भट्ठा चलाए जाने का आरोप लगाते हुए उत्तम कुमार पाल नामक स्थानीय निवासी ने पिछले साल हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था, उसी पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।

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    करोड़ों रुपये के खर्च ईंट-भट्ठा मालिकों से वसूले जाएंगे

    अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता की तरफ से जब इसमें करोड़ों का खर्च आने की बात कही गई तो अदालत ने कहा कि सरकार चाहे तो इन्हें तोडऩे में आने वाला खर्च उन ईंट भट्ठा मालिकों से ले सकती है।  याचिकाकर्ता उत्तम कुमार पाल ने कहा था कि जिस जमीन पर ईंट भट्ठे का निर्माण किया गया है, वह राज्य सरकार की है। गैरकानूनी तरीके से चलाए जा रहे ईंट भट्ठे की वजह से वहां के पर्यावरण व नदी को नुकसान पहुंच रहा है। उसकी वजह से बारिश के समय बाढ़ के हालात भी पैदा हो रहे हैं।

    हाई कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि राज्य सरकार अपनी जमीन की रक्षा क्यों नहीं कर रही है? वहां गैरकानूनी तरीके से ईंट भट्ठों का निर्माण कैसे हो रहा है? गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने पिछले साल इसी मामले में नदी किनारे व नदी पर बने टीले पर ईंट भट्ठे के निर्माण पर रोक लगा दी थी।