अब नहीं होगा पासपोर्ट में फर्जीवाड़ा, एसपी और कमिश्नर की बढ़ाई गई जिम्मेदारी; नई गाइडलाइन जारी
West Bengal पश्चिम बंगाल में पासपोर्ट बनवाने में जारी फर्जीवाड़ा रोकने को लेकर विभाग सख्त है। इसी दिशा में अहम कदम उठाते हुए राज्य खुफिया शाखा की ओर से जिलों और कमिश्नरेट के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। नई गाइडलाइन में जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्त के कंधों पर नई जिम्मेदारियां डाली गई हैं। पढ़ें पूरी जानकारी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट के खिलाफ कार्रवाई जारी है। पुलिस द्वारा लगातार गिरफ्तारी की जा रही है। इस बीच, पासपोर्ट में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सत्यापन के दौरान पुलिस को क्या करना है, इसे लेकर जिलों और कमिश्नरेट के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है।
सूत्रों के मुताबिक यह नया निर्देश राज्य खुफिया शाखा की ओर से भेजा गया है। यह लिखित निर्देश रविवार दोपहर को ही राज्य खुफिया शाखा से ई-मेल द्वारा भेजा गया है। यह निर्देश डीजीपी के संवाददाता सम्मेलन करने के बाद जारी हुआ है। डीजीपी ने रविवार को कहा था कि पासपोर्ट सत्यापन में पुलिस की कोई भूमिका नहीं है। नई गाइडलाइन में जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्त के कंधों पर नई जिम्मेदारियां डाली गई हैं।
लिए गए कई अहम फैसले
पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कई नए निर्णय लिए गए हैं। जमीनी जांच स्थानीय थाने द्वारा की जाएगी, यह भी तय हो गया है। जांच रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए थाने के प्रभारी को भेजी जाएगी। जिलों में पुलिस अधीक्षक, शहरों में पुलिस आयुक्त पासपोर्ट आवेदनों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए एक सक्षम अधिकारी नियुक्त करेंगे। पासपोर्ट आवेदन और सेटलमेंट से संबंधित लॉगइन आईडी पासवर्ड एसपी या सीपी अपने पास रखेंगे।
डीजी ने कहा था- पुलिस जिम्मेदार नहीं
राज्य पुलिस के डीजी राजीव कुमार, कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम रविवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए थे। वहां उन्होंने सेंट्रल पासपोर्ट अथॉरिटी की गाइडलाइन को लेकर कई सवाल उठाए। बैठक में राजीव कुमार ने कहा कि पुलिस जिम्मेदार नहीं है। पासपोर्ट में पते की पुष्टि करने में पुलिस की कोई भूमिका नहीं होती।
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