सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई दो महीने में पूरी, दो दोषी करार; शुक्रवार को होगा सजा का एलान
फरक्का में बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म-हत्या के मामले की सुनवाई को जंगीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने केवल दो महीने में पूरा कर लिया। कोर्ट ने दो लोगों को दोषी पाया है। इस मामले में अब सजा का एलान शुक्रवार को होगा। फरक्का की घटना पिछले अक्टूबर में हुई थी। परिवार ने आरोप लगाया था कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या की गई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। मुर्शिदाबाद के फरक्का में बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म-हत्या के मामले को महज दो महीने में न्याय के दायरे में लाया गया। जंगीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को दोनों आरोपितों को दोषी करार दिया। शुक्रवार को सजा की घोषणा होगी। कुछ दिन पहले दक्षिण 24 परगना के जयनगर में नाबालिग से दुष्कर्म-हत्या के मामले में बारुईपुर कोर्ट ने दो महीने के अंदर सुनवाई पूरी कर आरोपित को मौत की सजा सुनाई थी।
फरक्का की घटना पिछले अक्टूबर में हुई थी। इस घटना में दो लोगों को दोषी पाया गया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर सभी साक्ष्य जुटाने के बाद 21 दिन के अंदर आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। बोरी में बंद बच्ची का शव एक घर से बरामद हुआ था। परिवार ने आरोप लगाया था कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या की गई है। जांच करने पर पुलिस ने स्थानीय मछली व्यापारी दीनबंधु हलदर और उसके दोस्त शुभोजीत हलदर को गिरफ्तार कर लिया।
फूल देने के नाम पर नाबालिग को अपने घर ले गया
जिरह के दौरान दीनबंधु ने बताया कि फूल देने के नाम पर वह नाबालिग को अपने घर ले गया। वहां उसने और शुभोजीत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। बाद में उसके सिर को फर्श पर पटककर उसकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात सामने आई है। इसके अलावा बच्ची के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान भी पाए गए थे।
गांजा पीकर दिया था घटना को अंजाम
सरकारी वकील बिभास चïट्टोपाध्याय ने बताया कि जांचकर्ताओं को दीनबंधु के घर के तहखाने में दो सिगरेट के अवशेष मिले। फोरेंसिक जांच से पता चला कि दोनों आरोपितों ने सिगरेटों में गांजा डाला था और उसके बाद उन्होंने दरिंदगी की इस घटना को अंजाम दिया था। सिगरेटों के नमूने का मिलान नाबालिग के कपड़ों पर लगे वीर्य के नमूने से किया गया, जो सामूहिक दुष्कर्म के मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में अदालत में स्वीकार्य हुआ। एक गर्भवती महिला ने आरोपित के घर से पीडि़ता का शव बरामद किया था। उन्होंने इस मामले में साहस के साथ गवाही दी। इस मामले में पहली बार ड्रोन मैपिंग का उपयोग किया गया है। फोरेंसिक जांच के जरिए नाबालिग के डीएनए का मिलान किया गया।
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