दामोदर घाटी निगम की 2030 तक 70000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना, बिजली उत्पादन भी बढ़ाने का लक्ष्य
बहुद्देशीय बिजली परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने वर्ष 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता को दोगुने से भी अधिक 16000 मेगावाट करने के लिए करीब 70000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।डीवीसी के चेयरमैन आरएन सिंह ने कहा कि कंपनी ने मौजूदा इकाइयों के विस्तार से बिजली उत्पादन क्षमता को 6700 मेगावाट के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 2030 तक 16000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बहुद्देशीय बिजली परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने वर्ष 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता को दोगुने से भी अधिक 16,000 मेगावाट करने के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।
2030 तक 16,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य
डीवीसी के चेयरमैन आरएन सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि कंपनी ने मौजूदा इकाइयों के विस्तार से बिजली उत्पादन क्षमता को 6,700 मेगावाट के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 2030 तक 16,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सिंह ने कहा कि डीवीसी अपनी तापीय-विद्युत क्षमता के विस्तार पर वर्ष 2030 तक 70,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी।
सौर बिजली पैदा करना चाहती है डीवीसी
इसके अलावा कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की भी योजना है। सिंह ने कहा कि पानी के ऊपर और जमीन पर सौर इकाइयां लगाकर बिजली उत्पादन बढ़ाया जाएगा। डीवीसी अपने इलाकों में करीब 2,000 मेगावाट की सौर बिजली पैदा करना चाहती है।
डीवीसी ने इस दिशा में पहले ही 310 मेगावाट सौर इकाई के लिए एक निविदा जारी की हुई है और 750 मेगावाट की एक अन्य इकाई की योजना को भी परखा जा रहा है। इन्हें डीवीसी के प्रभाव वाले बांध क्षेत्रों में लगाया जाएगा।
सिंह ने कहा कि डीवीसी पंप स्टोरेज बिजली संयंत्रों पर भी ध्यान दे रही है। इस तरह का 1,500 मेगावाट क्षमता वाला एक संयंत्र बोकारो में लगाया जाएगा। एक अन्य पंप स्टोरेज संयंत्र झारखंड के पंचेट में भी लगाने की योजना है।
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