बुधवार को पांच दिनों के प्रवास पर कोलकाता पहुंचेंगे संघ प्रमुख, नेताजी की जयंती पर सभा का होगा आयोजन
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पांच दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम कोलकाता आ रहे हैं। इस दौरे में भागवत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर को ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत पांच दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम कोलकाता आ रहे हैं। 19 से 23 जनवरी तक भागवत बंगाल के दौरे पर रहेंगे। पांच दिवसीय इस दौरे में भागवत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में आयोजित कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।
उनके दौरे से पहले मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में संघ की दक्षिण बंगाल शाखा की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी गई। संघ के दक्षिण बंगाल के प्रचार प्रमुख बिप्लव राय ने बताया कि इस साल संघ प्रमुख का यह पहला बंगाल दौरा है। उन्होंने बताया कि 19 को अपने दौरे के पहले दिन संघ प्रमुख शहर की कुछ प्रमुख हस्तियों सहित संघ के अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। 22 जनवरी तक उनका मुलाकात का कार्यक्रम चलेगा, जिसमें समाज के विभिन्न तबके के लोगों के साथ संघ से जुड़े समान विचार परिवार के लोग भी शामिल होंगे। इस दौरान बंगाल में संघ के पदाधिकारियों के साथ वे कई दौर की सांगठनिक बैठक भी करेंगे और इसमें राज्य में आरएसएस के क्रियाकलापों और विस्तार को लेकर चर्चा की जाएगी।
इसके बाद 23 जनवरी को नेताजी की 126वीं जन्म वार्षिकी पर शहीद मीनार में बड़ा कार्यक्रम होगा जिसमें हजारों की संख्या में स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहेंगे। सरसंघचालक की उपस्थिति में कोलकाता और हावड़ा महानगर के स्वयंसेवकों द्वारा सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बोस के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम का नाम नेताजी लौह प्रणाम दिया गया है। इसके जरिए स्वयंसेवक नेताजी के जीवन, आदर्शों, देशभक्ति व बलिदान से शारीरिक और बौद्धिक प्रेरणा लेंगे।
इस मौके पर मौजूद संघ के पूर्वी क्षेत्र के संघचालक अजय नंदी ने बताया कि साल 1921 में डा केशव बलिराम हेडगेवार ने कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मुलाकात की थी। दोनों ने माना था कि देश को आगे ले जाने के लिए अनुशासित संगठन की जरूरत है। इसके बाद नेताजी ने आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया और 1925 में हेडगेवार ने 12 स्वयंसेवकों को लेकर संघ की स्थापना की। बाद में जब नेताजी नागपुर में एक ट्रेन से गुजर रहे थे तब उन्होंने स्टेशन के पास स्वयंसेवकों का पथ संचलन देखा।
इसके बाद हेडगेवार से मिलने के लिए नेताजी जून 1940 में नागपुर गए थे लेकिन तब उनकी सेहत काफी गंभीर थी और उनका देहावसान हो जाने की वजह से बहुत अधिक बात नहीं हो पाई थी। उन्हीं यादों को संजोकर 23 जनवरी को शहीद मीनार में नेताजी लौह प्रमाण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इधर, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भागवत यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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