West Bengal: मिशन 2026 की तैयारी में जुटीं ममता बनर्जी, जल्द होगा मंत्रिमंडल में फेरबदल!
पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले राज्य की ममता सरकार कैबिनेट में बदलाव कर सकती है। कुछ सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना अधिक है। माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों के मंत्रालय छीने जा सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरे आ सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: बंगाल कैबिनेट में चरणबद्ध तरीके से फेरबदल अगले साल की शुरुआत से शुरू होने की संभावना है और यह प्रक्रिया अगले दो से तीन महीनों में पूरी होने की उम्मीद है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित फेरबदल मुख्य रूप से उन विभागों पर केंद्रित होगा जो सीधे तौर पर सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री 2026 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन विभागों के कामकाज में और अधिक दक्षता लाना चाहती हैं। इस फेरबदल के कुछ पहलू हो सकते हैं। पहला यह कि कुछ महत्वपूर्ण विभाग, जो सीधे तौर पर सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े हैं, उनका प्रबंधन कुछ मंत्रियों द्वारा किया जा रहा है, जो अन्य विभागों के भी प्रभारी हैं।
कैबिनेट में शामिल होंगे नए चेहरे?
पार्टी सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री उन महत्वपूर्ण विभागों के लिए एक-एक मंत्री को समर्पित करने पर विचार कर रही हैं, ताकि वहां कामकाज में दक्षता में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना अधिक है। फेरबदल का दूसरा चरण मौजूदा मंत्रियों के विभागों में जरूरत के हिसाब से बदलाव करना होगा।
कुछ मंत्रियों की जा सकती है कुर्सी
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में भी कुछ मौजूदा मंत्रियों के मंत्रालय छीने जा सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरे आ सकते हैं। तीसरे चरण में कुछ मौजूदा राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा इस साल अगस्त में शुरू हुई थी। अगर सब कुछ सही दिशा में रहा तो अगले साल की शुरुआत से ही यह प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
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सीएम ने पिछले दिनों दिए थे कई निर्देश
हाल ही में मुख्यमंत्री ने पार्टी मामलों, विधायी मामलों और प्रशासनिक मामलों को संभालने वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि इन तीनों क्षेत्रों में पुराने नेता नए लोगों के बजाय उनकी प्राथमिकता होंगे। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की युवा और छात्र शाखा के मौजूदा नेतृत्व के कामकाज की समीक्षा करने का भी संकेत दिया था।
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