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    कोलकाता एयरपोर्ट के निकट से जब्त धातु कैलिफोर्नियम नहीं, पत्थर निकला, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर ने की थी जांच

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Mon, 30 Aug 2021 06:14 PM (IST)

    चार दिन पहले महानगर के दमदम स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट से बरामद पदार्थ रेडियोएक्टिव कैलिफोर्नियम नहीं है। वह एक साधारण पत्थर है। इस धातु को कैलिफोर्नियम होने के संदेश के बाद बंगाल सीआइडी ने धातु को मुंबई स्थित भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर भेजा था

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    बरामद पदार्थ रेडियोएक्टिव कैलिफोर्नियम नहीं है। वह एक साधारण पत्थर है

    राज्य ब्यूरो, कोलकाताः चार दिन पहले महानगर के दमदम स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट से बरामद पदार्थ रेडियोएक्टिव कैलिफोर्नियम नहीं है। वह एक साधारण पत्थर है। इस धातु को कैलिफोर्नियम होने के संदेश के बाद बंगाल सीआइडी ने उक्त धातु को मुंबई स्थित भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर भेजा था, जहां प्राथमिक जांच के बाद एटामिक रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने बताया है कि जब्त चारों टुकड़े रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम नहीं, बल्कि साधरण पत्थर है।

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    ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस पत्थर के साथ गिरफ्तार शैलेन कर्मकार और असित घोष ने ठगी के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा था। अब सीआइडी यह जांच शुरू कर दी है।

    बताते चलें कि असली रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की कीमत भारतीय मुद्दा में 170 करोड़ रुपये प्रति ग्राम है। इन लोगों के पास जो पत्थर मिले थे वह करीब 250.5 ग्राम था जिसकी कीमत 42585 करोड़ रुपये होने की बात कही गई थी। बताते चलें कि इससे पहले मई में लखनऊ में भी इसी तरह से संदिग्ध पदार्थ के साथ आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में जब उसकी जांच की गई तो पता चला कि वह भी रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम नहीं है।

    इसके बाद पिछले सप्ताह गुरुवार को सीआइडी ने एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर एयरपोर्ट इलाके से हुगली जिले के सिंगुर का शैलेन कर्मकार (41 वर्ष) तथा इसी जिले के पोलवा का असित घोष (49 वर्ष) को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास से छाई रंग वाले पत्थर जैसे पदार्थ के चार टुकड़े मिले, जिनका वजन लगभग 250.5 ग्राम था, जो अंधेरे में काफी चमक रहा था। इसके बाद सीआइडी ने इसे कैलिफोर्नियम होने की आशंका जताई। बाद में उसे जांच के लिए मुंबई भेजा गया जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आई तो वह पत्थर निकला।

    देश में आम आदमी कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है। काफी महंगा यह रेडियोएक्टिव पदार्थ सिर्फ लाइसेंसधारी ही बेच सकते हैं। देश में मुंबई स्थित भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से ही कैलिफोर्नियम मिलता है। रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम सिंथेटिक होता है। कैलिफोर्नियम की दुर्लभता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व में इसका बहुत कम उत्पदान होता है।