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तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई नेता घर वापसी को तैयार, सौगत के बयान से मुकुल राय के तृणमूल में लौटने की अटकलें

तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई नेता अब अपनी पुरानी पार्टी में लौटने को बेताब हैं। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय का नाम भी सामने आ रहा है हालांकि मुकुल ने अब तक सार्वजनिक तौर पर तृणमूल में लौटने की इच्छा जाहिर नहीं की है

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 06:10 PM (IST)
तृणमूल सांसद ने कहा कि मुकुल राय ने कभी सार्वजनिक तौर पर ममता बनर्जी का अपमान नहीं किया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई नेता अब अपनी पुरानी पार्टी में लौटने को बेताब हैं। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय का नाम भी सामने आ रहा है, हालांकि मुकुल ने अब तक सार्वजनिक तौर पर तृणमूल में लौटने की इच्छा जाहिर नहीं की है लेकिन इस समय वे जिस तरह भाजपा से दूरी बनाकर चल रहे हैं, उससे उनके ममता बनर्जी की पार्टी में लौटने के कयास जोरों पर हैं। इस बीच तृणमूल सांसद सौगत राय ने अपने बयान से इस कयास को और हवा दे दी है।

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सौगत ने तृणमूल छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेताओं को दो भागों में बांटा है-नरमपंथी और कट्टरपंथी। सौगत ने कहा कि कट्टरपंथियों में वे नेता शामिल हैं, जिन्होंने तृणमूल छोड़ने के बाद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ कटु शब्द बोले हैं जबकि नरमपंथियों में वे नेता शुमार हैं जो भाजपा में शामिल तो हुए लेकिन उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ मुंह नहीं खोला है।

उन्होंने मुकुल की नरमपंथियों में गिनती की है। सौगत के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि मुकुल को लेकर तृणमूल का रूख बहुत कठोर नहीं है। दूसरी तरफ कट्टरपंथियों में सौगत ने सुवेंदु अधिकारी का नाम लिया है। सौगत ने कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद सुवेंदु ने सार्वजनिक तौर पर कई बार ममता बनर्जी का अपमान किया है।

हाल में तृणमूल के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी मुकुल की बीमार पत्नी को देखने अस्पताल गए थे। इसके बाद मुकुल के पुत्र शुभ्रांशु ने ममता सरकार की तारीफ की थी। इससे भी मुकुल के तृणमूल में लौटने की अटकलें तेज हुई हैं। मुकुल इस समय भाजपा की बैठकों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। इस बाबत पूछे जाने पर कहा है कि उन्हें बैठकों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही। दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि सभी की तरह उन्हें भी बैठकों के बारे में सूचना दी जाती है।


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