नहीं मानेंगे तीन तलाकपर सुप्रीम कोर्ट का फैसला : मंत्री
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल जमायत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व ममता बनर्जी सरकार में लाइब्र
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल जमायत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व ममता बनर्जी सरकार में लाइब्रेरी व जन शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिद्दीकुल्ला चौधरी ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है। बुधवार को महानगर में प्रेसवार्ता के दौरान चौधरी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय व केंद्र सरकार को इस्लाम के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
मंत्री ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले असंवैधानिक है और हम इसका पालन नहीं करेंगे। हमारी केंद्रीय समिति आज दिल्ली में इस संबंध में आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने को बैठक करेगी।'
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया। कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धात के खिलाफ है। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने तीन तलाक की इस प्रथा पर छह महीने की रोक लगाने की हिमायत करते हुए सरकार से कहा कि वह इस संबंध में कानून बनाए जबकि न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति उदय यू ललित ने इस प्रथा को संविधान का उल्लंघन करने वाला करार दिया।
यह बात दीगर है कि इस पर तृणमूल प्रमुख व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ भी कहने से इन्कार
कर दिया है। जबकि उन्हीं की पार्टी के विधायक, सरकार में जन शिक्षा विस्तार एवं पुस्तकालय सेवाओं के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेवारी संभाल रहे सिद्दीकुल्ला चौधरी ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। चौधरी ने प्रेसवार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इस्लाम और इसके कायदे कानून के बारे में ज्ञान के बिना आदेश पारित कर दिया। चौधरी ने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो हमारे संगठन की ओर से कोलकाता में फैसले के खिलाफ जुलूस निकाला जाएगा और जागरुकता पैदा की जाएगी। यद्यपि चौधरी ने कहा कि हम अपने समुदाय को तीन तलाक का गलत फायदा नहीं उठाने देंगे और इसे लेकर समुदाय के सदस्यों को शिक्षित किया जाएगा।
तृणमूल विधायक ने इस मौके पर अपने समुदाय के उन सदस्यों की भी निंदा की जिन्होंने इस फैसले के पक्ष में बात की है। मालूम हो कि बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन समेत कुछ अन्य मुस्लिम धर्मावालंबियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। चौधरी ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और वे इस्लाम और इसके कायदे कानून के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हैं। चौधरी ने नाम लिए बगैर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक राजनीतिक दल को भी इस फैसले का जश्न मनाते हुए देख गया मानो जैसे कि उन्होंने विजय हासिल की हो। यह सही नहीं है।
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