Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kolkata: ममता बनर्जी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 'पश्चिम बंगाल दिवस' को लेकर होगी चर्चा

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 08:10 PM (IST)

    ममता ने पश्चिम बंगाल दिवस के लिए प्रस्तावित तिथि पर चर्चा को 29 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बता दें ममता ने 19 जून को बोस को पत्र लिखकर 20 जून को राज्य का स्थापना दिवस मनाने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया था और बंगाल के करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंचने का जिक्र करते हुए उनसे ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का अनुरोध किया था।

    Hero Image
    बंगाल के स्थापना दिवस पर होगी चर्चा, CM ममता बनर्जी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘पश्चिम बंगाल दिवस’ के लिए प्रस्तावित तिथि पर चर्चा को 29 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह जानकारी बुधवार को मिली है। सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री ‘पश्चिम बंगाल दिवस’ के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा कर उनका रुख जानना चाहती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसीलिए मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक करेंगी। यह बैठक राज्य सचिवालय नवान्न में होगी। वह पोइला बैशाख पर पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस आयोजित करने के संबंध में अन्य दलों के नेताओं का रुख जानना चाहती हैं।

    राज्यपाल सीवी आनंद बोस का विरोध

    इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य विधानसभा द्वारा गठित एक समिति ने ‘पोइला बैसाख’ (बंगाली कैलेंडर का पहला दिन) को सर्वसम्मति से ‘पश्चिम बंगाल दिवस’ के रूप में मनाने के लिए चुना है। समिति में पश्चिम बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी, संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय, शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु, शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम और अन्य शामिल हैं।

    हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुगतो बोस समिति के सलाहकार हैं। समिति का प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए ममता बनर्जी के पास भेजा गया है। समिति ने एक ‘राज्य गीत’ का भी प्रस्ताव किया है। इसके लिए रवींद्रनाथ टैगोर का ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल’ सूची में शीर्ष पर है। बंगाल सरकार 20 जून को राज्य का स्थापन दिवस के रूप में मनाए जाने के खिलाफ है और राजभवन में इस दिवस को मनाने को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस का विरोध किया था।

    20 जून को स्थापना दिवस मनाने के खिलाफ है ममता सरकार 

    ममता ने 19 जून को बोस को पत्र लिखकर 20 जून को राज्य का स्थापना दिवस मनाने के उनके ‘एकतरफा’ फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया था और बंगाल के करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंचने का जिक्र करते हुए उनसे ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि विभाजन का दर्द और आघात ऐसा था कि राज्य के लोगों ने भारत की आजादी के बाद से कभी भी किसी भी दिन को स्थापना दिवस के रूप में नहीं मनाया है।

    उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि बंगाल की स्थापना किसी विशेष दिन पर नहीं हुई थी, खासकर 20 जून को बिल्कुल नहीं, बल्कि इसका गठन रेडक्लिफ के फैसले (भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय सीमांकन करने वाले अधिकारी सिरिल रेडक्लिफ) के माध्यम से हुआ था।

    राज्यपाल ने बनर्जी की आपत्तियों के बावजूद राजभवन में राज्य का ‘स्थापना दिवस’ कार्यक्रम आयोजित करते हुए कहा था कि राज्य सरकार की चिंता को ‘पूरी गंभीरता से लिया जाएगा। ’बताते चलें कि भाजपा 20 जून को ङी बंगाल का स्थापना दिवस मनाती है।