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    West Bengal: ममता बनर्जी का ऐलान, राज्य में बनाए जाएंगे 7 नए जिले

    By Aditi ChoudharyEdited By:
    Updated: Tue, 02 Aug 2022 01:00 PM (IST)

    West Bengal पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में सात नए जिले बनाने की घोषणा की है। इन नए जिले के नाम क्रमशः बरहमपुर कांदी सुंदरवन बशीर ...और पढ़ें

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    पश्चिम बंगाल में 7 नए जिलों का ऐलान (सांकेतिक तस्वीर)

    कोलकाता, जागरण डिजिटल डेस्क। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल की सहमति से सोमवार को राज्य के सात नए जिलों का ऐलान किया। ये नए जिले होंगे- बरहमपुर, कांदी, सुंदरवन, बशीरहाट, इच्छामति, राणाघाट और विष्णुपुर। इसी के साथ अब राज्य में कुल जिलों की संख्या 30 हो जाएगी।

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    नए जिलों के गठन का कारण

    पश्चिम बंगाल देश के चार सुप्रसिद्ध राज्यों में एक है, लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में इसके जिले कम हैं। जहां इसके पड़ोसी राज्यों जैसे कि बिहार 38, असम 35 और ओडिशा 30 में जिलों की संख्या अधिक है, वहीं इनके मुकाबले बंगाल में महज 23 ही जिले हैं। ऐसे में राज्य में सुव्यवस्था व प्रशासनिक कामकाज को सुगम बनाने के लिए नए जिलों के गठन का फैसला लिया गया है।

    नए जिलों को कैसे दिया गया आकार

    मुख्यमंत्री ने सोमवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य के दक्षिण परगना जिले से एक नए जिले सुंदरवन का गठन किया गया है, उत्तर 24 परगना से दो नए जिले गठित किए जाएंगे जिनमें से एक बनगांव उपविभाग से इच्छामति को नए जिले का नाम दिया जाएगा और बशीरहाट में से एक का गठन किया जाएगा। इनके अलावा, नदिया जिले से राणाघाट, बांकुड़ासे विष्णुपुर और मुर्शिदाबाद से बरहमपुर व कांदी को अलग कर नए जिलों का गठन किया जाएगा।

    गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने के सुर्खियों के बीच नए जिलों का ऐलान किया गया है।

    ममता के फैसले पर विपक्ष का तंज

    राज्य में विपक्षी दलों में से प्रमुख भाजपा के प्रवक्ता अमित मालवीय ने सीएम के इन फैसलों को एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले से लोगों के ध्यान भटकाने का प्रयास करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि पहले ही कर्ज के बोझ तले डुबा राज्य नए राज्यों के गठन और उनके संचालन का खर्च कहां से लाएगा? इसके साथ ही श्री मालवीय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन नई कोशिशों से घोटाले का दाग मिटने वाला नहीं है।